चार महीने रह गए,अब खेले हैं खेलछत्तिस के आंकड़े में,मुसका रहे बघेलमुसका रहे बघेल,सिंह…
साहित्य
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बदरा बरसे झूमि के,हिय मोरा हुलसायमौसम मनभावन हुआ,गोरी दिल हरषायगोरी दिल हरषाय,विधुर तन आगि…
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यूसीसी’ की बात पर,सीसी करते लोगधीरे-धीरे आ रहा,बाहर सारा ढोंगबाहर सारा ढोंग,रोग ये बहुत…
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देख टमाटर भाव को,सुन्न हो गए यारडीजल या पिटरोल भी,सहम गए इस बारसहम गए…
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मुंबई-अन्यसाहित्य
मैं लिखता मराठी में हूँ और पत्रकारिताअंग्रेजी में किया- शिरीष कणेकर
by zadminby zadminमुंबई मराठी पत्रकार संघ का 82 वां स्थापना दिवस समारोह संपन्न मैं लिखता मराठी…
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दूल्हा लालू ने चुना,झाड़ू है नाराजदीदी भी समझीं नहीं,चारापति का राजचारापति का राज,समझ खरगे…
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कर्मवीर के सामने झुकते ज्यों भगवानऔर वीर के सामने,झुकते ज्यों शैतानझुकते ज्यों शैतान,संत के…
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उलझी नाव नितीश की,और हो गया खेलधोखा भी उसने दिया,जिसे मिली है बेलजिसे मिली…
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विपक्षियों के लिए ‘ब्रिज’, बनने चले कुमारईंटा-सरिया जोड़कर,सजने लगा बिहारसजने लगा बिहार, करप्शन की…
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कितना भी कर लीजिए,इनका आप इलाजफिर भी बाबू रहेगा,पप्पू -सा अंदाजपप्पू-सा अंदाज, विदेशों में…