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खरी-खरी- सुरेश मिश्र

by zadmin

खरी-खरी 

लाए आ-विश्वास पर, स्वयं नहीं विश्वास
बिखरे-बिखरे जा रहे, जैसे कोई तास
जैसे कोई तास,बोल कर भी ना बोले
पप्पू भइया समझ,रहे सब हौले-हौले
कह सुरेश मीडिया और मम्मी मुसकाए
बोल उठे सब”लौटके बुद्धू घर को आए”

सुरेश मिश्र

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