मानसून अधिवेशन में जनता की आवाज उठाने में विपक्ष सफल रहा-दानवे
नवीन कुमार
मुंबई (निर्भय पथिक)। विपक्षी दल तीन सप्ताह के मानसून सत्र में किसानों, महिलाओं, युवाओं की बेरोजगारी आदि मुद्दों पर जनता की आवाज उठाने में सफल रहा है। लेकिन भ्रष्ट सरकार जनता की समस्याओं का समाधान करने में निष्प्रभावी रही है। विपक्ष के नेता अंबादास दानवे ने सरकार की आलोचना की। दानवे ने कहा कि विपक्षी दलों ने जनता की अदालत में जाकर सरकार के खिलाफ आवाज उठाने का संकल्प लिया है।विपक्ष के नेता दानवे ने दावा किया कि पिछले 6 महीनों में सरकार ने जो भी घोषणा की उस पर अमल नहीं किया गया है। दानवे ने आलोचना करते हुए कहा कि सरकार के उद्योग विभाग की ओर से जारी श्वेत पत्र काला पत्र साबित हुआ है। उन्होंने कहा कि केंद्र ने जानबूझकर राज्य की सभी परियोजनाओं को गुजरात स्थानांतरित कर दिया।
दानवे ने कहा कि नकली बीज को लेकर सरकार ने कोई ठोस कार्रवाई नहीं की है। कपास की कीमत चुकाए बिना यह सरकार किसानों को राहत नहीं दे सकती। दानवे ने आरोप लगाया कि सरकार ने पूरक मांगों को मंजूरी देकर और असमान फंड वितरित करके 90 निर्वाचन क्षेत्रों को उनके विकास से दूर रखने का पाप किया है।
विपक्षी दलों ने विभिन्न मुद्दों पर सरकार को पूरी तरह से घेरने की कोशिश की। लेकिन सरकार की ओर से इस पर कोई संतोषजनक जवाब नहीं दिया गया। सरकार ने जो बिल लाया था उसे वापस लेने पर मजबूर कर दिया संबंधित विभाग के मंत्री मूल सवाल का जवाब देने से भाग गये। लोक निर्माण मंत्री खास तौर पर अनुपस्थित रहे। इस पर दानवे ने आरोप लगाया कि यह सरकार भ्रष्ट अधिकारियों का समर्थन करने का पाप कर रही है।
मानसून अधिवेशन में जनता की आवाज उठाने में विपक्ष सफल रहा-दानवे
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