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विश्व बैंक महाराष्ट्र को करेगा सहयोग

by zadmin

विश्व बैंक महाराष्ट्र को करेगा सहयोग
 नवीन कुमार 

 मुंबई (निर्भय पथिक)। विश्व बैंक के सहयोग से राज्य में पहले भी कई बड़ी परियोजनाएं स्थापित की गई हैं और भविष्य में भी कई परियोजनाएं स्थापित की जाएंगी, लेकिन न केवल बुनियादी ढांचे के लिए बल्कि निर्माण के लिए भी अन्य क्षेत्रों में संस्थागत क्षमता निर्माण के लिए विश्व बैंक द्वारा सहयोग किया जाए, ऐसा मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा।
होटल ट्राइडेंट में विश्व बैंक के कार्यकारी निदेशक के साथ बैठक में मुख्यमंत्री शिंदे बोल रहे थे। इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस उपस्थित थे। इस बैठक में मुख्य सचिव मनोज सौनिक, मित्र संस्था के मुख्य कार्यकारी अधिकारी प्रवीण परदेशी, विभिन्न विभागों के सचिव और विश्व बैंक की ओर से भारत के कार्यकारी निदेशक परमेश्वरन अय्यर और यूके, अर्जेंटीना, ब्राजील, तंजानिया, इंडोनेशिया, चीन, सऊदी के कार्यकारी अधिकारी उपस्थित थे। इस बैठक में अरब, मेक्सिको, पोलैंड, नाइजीरिया समेत अन्य देशों के निदेशक भी मौजूद थे।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि विश्व बैंक न केवल एक फंडिंग संस्था है, बल्कि इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि यह विश्व बैंक के साथ राज्य की साझेदारी से महाराष्ट्र के लोगों के जीवन की गुणवत्ता में और सुधार होगा। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि महाराष्ट्र के पास देश में सबसे अच्छी कुशल जनशक्ति, उत्कृष्ट बुनियादी ढांचा है और हमारा राज्य हरित प्रौद्योगिकी, नवीकरणीय ऊर्जा, आपदा प्रबंधन, स्वास्थ्य सेवा और बंदरगाह बुनियादी ढांचे के क्षेत्र में पर्याप्त प्रयास कर रहा है।
इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कृषि सुधार, महिला सशक्तिकरण, स्वास्थ्य और सबके लिए आवास के लिए उठाए गए कुछ महत्वपूर्ण कदमों की जानकारी दी
यह कहते हुए कि महाराष्ट्र आर्थिक सलाहकार परिषद की स्थापना करने वाला महाराष्ट्र एकमात्र राज्य है, मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के पांच ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के सपने को साकार करने के लिए इस परिषद की स्थापना की है और परिषद द्वारा की गई सिफारिशों का अध्ययन किया जाएगा। फास्ट ट्रैक कमेटी बनाकर समयबद्ध क्रियान्वयन के लिए कदम उठाए जाएंगे।
हमारी सरकार शाश्वत विकास पर ध्यान केंद्रित कर रही है, ऐसा बताते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि यह एक जन-उन्मुख सरकार है और हमारी नीतियां और कार्यक्रम गरीबों और कमजोरों को सशक्त बनाने के विश्व बैंक के उद्देश्यों के अनुरूप हैं। 
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि हम सभी देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मजबूत नेतृत्व में काम कर रहे हैं और प्रधानमंत्री ने सभी देशों के साथ आपसी विश्वास और सम्मान के आधार पर मजबूत संबंध बनाए रखने का प्रयास किया है।
इस मौके पर उपमुख्यमंत्री फडणवीस ने खासकर नदी जोड़ो परियोजना के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि हमारा लक्ष्य महाराष्ट्र को सूखा मुक्त बनाना है। उन्होंने कहा कि प्राथमिकता पश्चिमी वाहिनी की नदियों के पानी को गोदावरी के क्षेत्र की ओर मोड़ना और नदी जोड़ो परियोजना के माध्यम से पूर्व और पश्चिम विदर्भ के जिलों में सूखे को समाप्त करना है।
प्रारंभ में बैठक में योजना विभाग के प्रमुख सचिव सौरव विजय और सचिव शैला ए ने महाराष्ट्र की ओर से प्रस्तुतिकरण किया। विश्व बैंक की मदद से राज्य में कई परियोजनाएँ पूरी हो चुकी हैं और कुछ परियोजनाएं चल रही हैं। परियोजनाओं पर कार्रवाई की जा रही है। विशेष रूप से, जल प्रबंधन परियोजना चरण एक, चरण दो, विभिन्न जल संसाधन परियोजनाओं में सुधार, महाराष्ट्र जल क्षेत्र सुधार परियोजना, कृषि प्रतिस्पर्धी परियोजनाएं पहले ही पूरी हो चुकी हैं और वर्तमान में कृषि और ग्रामीण विकास, सुरक्षा, सुधार, दक्षता और रखरखाव परियोजना की स्मार्ट परियोजना जल संसाधन परियोजनाओं और पोकर जैसी परियोजनाओं पर काम चल रहा है। बताया गया कि कौशल विकास सतर्कता परियोजना, पर्यावरण पर एमआरडीपी जैसी परियोजनाओं पर कार्रवाई की जा रही है, ऐसी जानकारी दी गई। इसके अलावा इस प्रेजेंटेशन में इस बात पर जोर दिया गया कि विश्व बैंक से नानाजी देशमुख कृषि संजीवनी परियोजना, मुंबई महानगर परिवहन सुधार परियोजना, हरित ऊर्जा, राज्य के हर जिले में आर्थिक विकास और नागरिकों को तेज गति से सेवाएं प्रदान करने जैसी परियोजनाओं में सहयोग की उम्मीद है। इस मौके पर विश्व बैंक के कार्यकारी संचालकों ने विभिन्न मुद्दों पर भी चर्चा की।

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