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41000 करोड़ की पूरक मांगें विधानसभा में हुई स्वीकृत

by zadmin

41000 करोड़ की पूरक मांगें विधानसभा में हुई स्वीकृत 

राज्य के विकास के लिए आय के नए स्त्रोत तैयार करने पर जोर – वित्त मंत्री 
संजीव शुक्ल 

मुंबई@nirbhaypathik:राज्य के किसानों , श्रमिकों , सामान्य जनता के विकास के लिए  राज्य सरकार कटिबद्ध है। ग्रामीण भागों सहित शहरी भागों के समान विकास को साधते हुए राज्य सरकार का उद्देश्य राज्य का सर्वागीण विकास है उसके लिए राज्य के आय के नए स्त्रोत तैयार करने पर जोर दिया जायेगा। यह जानकारी उपमुख्यमंत्री एवं वित्त एवं नियोजन मंत्री अजित पवार ने मंगलवार को विधानसभा में दी। मानसून सत्र में  विधानसभा के सदन में रखी गयी पूरक मांगों पर चर्चा पूरी होने पर  वे बोल रहे थे। इस अवसर पर  पूरक मांगे मंजूर की गयी।   उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने कहा कि इस सत्र ( जुलाई 2023 ) में कुल 41 हजार 243 करोड़ 21 लाख रुपये की पूरक मांगें विधानमंडल में रखी गयी।  इसमें 13 हजार 91 करोड़ 21 लाख रुपये की मांगें अनिवार्य,  25 हजार 611 करोड़ 38 लाख की मांग कार्यक्रम के अंतर्गत  एवं 2  हजार 540 करोड़ 62 लाख रुपये की मांग यह केंद्र  समर्थित कार्यक्रम के अंतर्गत आर्थिक सहायता उपलब्ध होने के क्रम में रखी है। 41 हजार 243 करोड़ 21 लाख स्थूल पूरक मांगें दिख रही हैं तो भी वास्तव में उसका प्रत्यक्ष ‘नेट वर्थ ‘ यह 35 हजार 883 करोड़ 31 लाख  ही है। सदन में विपक्षी दलों के विधायकों को फंड वितरण में भेदभाव के आरोप पर उपमुख्यमंत्री और वित्त और नियोजन मंत्री अजित पवार ने कहा कि महाविकास आघाड़ी सरकार के दौरान वर्ष 2019 से लेकर 2021 तक जो फॉर्मूला था, उसमें कोई फेरबदल नहीं किया गया है। अजित पवार के यह कहने पर विपक्ष विशेषकर कांग्रेस के सदस्य हंगामा मचाने लगे। हंगामे और नारेबाजी के बीच अजित पवार ने अपनी बात कही। पिछले दो दिनों से विधायकों के फंड वितरण का मामला गरमाया हुआ है। विपक्षी दलों का आरोप है कि फंड वितरण में उनके साथ भेदभाव हुआ है। विधानसभा में पूरक मांग पर हुई चर्चा के जवाब में वित्त मंत्री अजित पवार ने कहा कि विधायकों को जो निधि मिली है, उसके वितरण में कोई भेदभाव नहीं किया गया है। निधि वितरण का फार्मूला  वर्ष 2020, 2021 और 2022 की तरह रखा है, उसमें कोई बदलाव नहीं किया गया है। वित्त मंत्री के यह कहने पर विपक्षी सदस्य हंगामा मचाने लगे।  
अजित पवार ने कहा कि राज्य के विकास के लिए आय बढ़ाने के स्रोत पर जोर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि निधि वितरण के मामले में  नाना पटोले, यशोमति ठाकुर, वर्षा गायकवाड की अपनी राय हो सकती है, लेकिन किसी के साथ भी भेदभाव नहीं किया गया है। विधायक अपने विधानसभा क्षेत्र के 4 से 5 लाख लोगों का प्रतिनिधित्व करते हैं। इस मामले पर सकारात्मक राह  तलाशने का प्रयास किया जाएगा। ज्ञातव्य है कि बजट का   5 से 10 फीसदी रकम ही पूरक मांगों के तहत रखी जा सकती है  , लेकिन विगत एक वर्ष के दौरान राज्य सरकार द्वारा  अलग-अलग  कई सत्रों में अब तक 1 लाख 20 हजार करोड़ से अधिक पूरक मांगें रखी और स्वीकार की गयी है जो कि तय सीमा को लाँघ रही है।    

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