दोपहर के भोजन योजना में घोटाले की होगी जांच – कामगार मंत्री
विशेष संवाददाता
मुंबई@nirbhaypathik:। निर्माण कार्य मजदूरों की मध्यान्ह भोजन योजना सहित अन्य सामग्री देने में हुई घोटाले की कामगार आयुक्त के मार्फत जांच की जाएगी। विधानसभा में इस बात की घोषणा कामगार मंत्री सुरेश खाडे ने की।
विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान कैलास घाडगे पाटिल ने धाराशिव में मजदूरों की मध्यान्ह भोजन योजना में हुए घोटाले का मामला उठाया था। उन्होंने सवाल उठाया कि धाराशिव जिले में निर्माण कार्य मजदूरों की मध्यान्ह भोजन योजना में तकरीबन 28 हजार मजदूरों के संदेहास्पद पंजीकरण कर करोड़ों रुपए का घोटाला किया गया। यह बात जिला अधिकारी की तरफ से नियुक्त जांच समिति सामने आई है, क्या यह बात सही है? हालांकि कामगार मंत्री सुरेश खाडे ने इस बात को गलत बताया इसलिए किसी अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई का सवाल ही नहीं उठता। मंत्री ने कहा कि ये सही है कि इस मामले की जांच के लिए समिति बनाई थी, लेकिन उसमें कामगार अधिकारी को शामिल नहीं किया गया। केवल पंजीकृत मजदूरों के लिए दोपहर के भोजन की योजना शुरू की गई थी, लेकिन कोरोना काल में इस योजना में गैर पंजीकृत मजदूरों को भी शामिल किया गया।
कामगार मंत्री ने कहा कि 10 अक्टूबर 2022 तक पंजीकृत मजदूरों की संख्या 15 लाख 30 हजार थी जो वर्तमान में बढ़कर 26 लाख 38 हजार हो गई है। खाडे ने कहा कि मेरे कार्यकाल में 11 लाख से अधिक मजदूरों का पंजीकरण हुआ है। अब सिर्फ पंजीकृत मजदूरों को ही दोपहर का भोजन दिया जाएगा। प्रत्येक तालुका स्तर पर सेतु केंद्र बनाए गए हैं और मजदूरों के पंजीकरण का काम तेज किया जा रहा है। चर्चा में नाना पटोले, अनिल देशमुख, आशीष शेलार, राजेश टोपे, विजय वडेट्टीवार, अतुल भातखलकर, भास्कर जाधव, योगेश सागर ने प्रणिती शिंदे ने भाग लिया।
दोपहर के भोजन योजना में घोटाले की होगी जांच – कामगार मंत्री
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