देश में 40 गुना अच्छा कार्य हो रहा है – सरसंघचालक डॉ मोहन भागवत
संजीव शुक्ल
मुंबई@nirbhaypathik:, देश में 40 गुना अच्छा कार्य हो रहा है। देश का उत्कर्ष दिखाई दे रहा है। सरकार कर्तृत्ववान है। कुछ लोग कुछ नहीं करते थे यह चालीस साल पहले स्थिति थी अब देश, समाज को अधिक गौरवान्वित करने की तीव्र इच्छा दिख रही है। संपूर्ण विश्व भारत की राह देख रहा है। समाज में अच्छा कार्य होता है लेकिन कई बार नकारात्मक चर्चाएं होती है। सब अच्छा – अच्छा हो रहा है इसका मापदंड क्या है।अच्छा होना दिखना एक बात है और न होने पर भी अच्छा दिखाना अलग बात है। अच्छा न होने पर भी दिखावा हो सकता है। जो दिखता है वह ऊपर – ऊपर की बात देखें तो भ्रमित हो जाता है लेकिन होने वाली बात ढकती नहीं। हमारे यहां स्थायी अच्छा होना भी हो, दिखना भी हो। यह कहना है राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख डॉ मोहन भागवत का। वह रविवार 23 जुलाई को बोरिवली में सुवर्णा चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा संचालित धनकुवर बेन बाबुभाई धकाण अस्पताल एवं रमाबेन प्रवीण भाई धकाण कार्डियक सेंटर की नई इमारत का उद्घाटन करने के बाद समीप ही स्थित कांदिवली के रघुलीला माल सभागृह में इस बारे में आयोजित कार्यक्रम में बोल रहे थे।
संघ प्रमुख ने कहा कि संवेदना की बात हो अपनेपन की बात हो। प्राणियों में थोड़े दिन संवेदना दिखती है फिर नहीं, फिर वह अलग हो जाता है। दूसरे का दुःख दूसरे का सुख नहीं देखता। उन्होंने मनुष्यों को परोपकार करने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि यह तो पशु प्रवृत्ति है कि जानवर जब चारा खाता है तो किसी और को उसे छूने नहीं देता और जब उसका पेट भर जाता है तो चिंता नहीं करता। अपना जीवन जीने वाले पशु को कोई स्वार्थी नहीं कहता क्योंकि वह उसका स्वभाव है लेकिन मनुष्य ऐसा नहीं है वह कुछ करेगा। गलत हो रहा है तो वह कहेगा। कुछ तो करेगा। कुछ नहीं कहेगा तो वह आंख नहीं तो नहीं मूँद लेगा । मनुष्य को सम्पूर्ण सृष्टि का भान रहता है। कॉन्शियस रहता है। बच्चे में यह नहीं रहता है इसलिए जब किसी दुखद घटना पर दूसरे लोग रोते हैं तो देखा देखी वह बच्चा भी रोने लगता है । लोगों को अच्छा कार्य करना चाहिए। अगर आप घर के लिए अच्छा कर रहे हो तो आप उच्च हो , आप परिवार के लिए अच्छा कर रहे तो आप और उच्च हो, आप गाँव के लिए अच्छा कर रहे हो आप और भी उच्च हो। इस तरह आप जितना ज्यादा अच्छा कार्य करते हो उतने उच्च हो। जिसमें जितनी संवेदना है वह उतना उच्च है। उन्होंने सकारात्मक सोच रखने को कहा। अतीत में हुए नागपुर में एक कार्यक्रम जिसमें कैलाश सत्यार्थी आये थे उस में हुई चर्चा का उदाहरण देते हुए कहा कि चर्चा में बात आयी की सेंसिटिविटी ( संवेदना ) कैसे बढ़ाएं। संवेदना केवल भावना है उसमें कृति जुड़ जाती है तो वह करुणा है। तो कहा गया आप करुणा का ही ग्लोबलाइजेशन करो। संघ प्रमुख ने 114 बेड वाले इस अस्पताल को संचालित करने वाले सवर्ण चैरिटेबल ट्रस्ट की तारीफ करते हुए कहा कि मैं तो समय निकालकर आया हूँ परिश्रम तो यहां किया गया और मुझे इसका संज्ञान लेना है। उन्होंने कहा कि अस्पताल आधुनिक तीर्थ स्थल हैं। स्वतंत्र भारत को आगे बढ़ाने के लिए, समाज को आगे बढ़ाने के लिए यही तीर्थ स्थल है। वहां नर की सेवा नारायण की सेवा है इसलिए मैं कहूंगा कि आपने तीर्थ स्थल को बनाने का कार्य किया है। आपने परिश्रम करके तीर्थ का निर्माण किया है यह तपस्या है। तीर्थ का तीर्थस्व यह तपस्या के बल पर चलता है। उन्होंने एक उदाहरण देकर बताया कि लोग घर बेंच कर भी निजी अस्पताल में महंगे से महंगा उपचार करने को तैयार होते हैं लेकिन वही उपचार कम खर्चे में सरकारी अस्पताल में होता है तो भी नहीं जाना चाहते क्योंकि उनकी सोच है कि वहां अच्छा उपचार नहीं होगा। सरकारी अस्पताल में अच्छा उपचार होने का विश्वास लोगों में निर्माण करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि रोटी कपड़ा और मकान के अलावा शिक्षा और स्वास्थ्य यह दोनों अनिवार्य हैं।
इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि आरएसएस के विचारों से सेवा की प्रेरणा मिली है। परम पूज्यनीय मोहन भागवत जी इस उद्घाटन के लिए आये यह गौरव की बात है। क्योंकि उनके हाथों से जिस कार्य का लोकार्पण हुआ उसमें सेवा और श्रद्धा का भाव कभी कम नहीं हो इसका भी हमें ध्यान रखना होगा। इस अस्पताल में सभी प्रकार की आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध हैं। इस अस्पताल में सभी के लिए समान उपचार की व्यवस्था की गयी है। ठाणे और पालघर का जो आदिवासी क्षेत्र हैं वहां के मरीजों को भी वहां से यहां लाया जायेगा और उनका इस अस्पताल में उपचार करके पुनः उनको वहां वापस पहुंचा दिया जायेगा यह व्यवस्था भी है । उपमुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा कि ट्रस्ट को गरीबों के लिए कोष स्थापित करना चाहिए ताकि जिन मरीजों को इस अस्पताल में चैरिटी के माध्यम से भर्ती होने के लिए जगह नहीं मिल सके उनका इस फंड के माध्यम से उपचार किया जा सके।
इस अवसर पर ट्रस्ट के अध्यक्ष योगेश सागर ने बताया कि वर्ष 1949 में सुवर्णा चैरिटेबल ट्रस्ट की स्थापना हुई उसके बाद से 1986 तक छोटे -मोठे समाज कार्य करते थे। 1986 में सुवर्णा अस्पताल बना। वर्ष 2015 – 16 में अस्पताल तोड़ा गया। वर्ष 2018 में पुनः इसका निर्माण शुरू किया गया। वर्ष 2019 में निर्माण कार्य रुक गया। साल 2020 में यह जिम्मेदारी मेरे पास आयी। दान दाताओं से चंदा इकठ्ठा करके इस अस्पताल का निर्माण कार्य किया गया । इस कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश के पूर्व राज्यपाल राम नाईक, महाराष्ट्र विधानसभा के अध्यक्ष राहुल नार्वेकर, मंत्री मंगल प्रभात लोढ़ा, सांसद गोपाल शेट्टी, विधायक आशीष शेलार, विधायक सुनील राणे, सुवर्णा चैरिटेबल ट्रस्ट के ट्रस्टी बाबू भाई धानक ,आशीष ढकाण, डॉ भूपेश भाई धानक,आदि मान्यवर मौजूद थे।