अदालत ने रोका विधायकों को बैठक लेने पर , मामला विधानसभा में उठा
संजीव शुक्ल
मुंबई,@nirbhaypathik: विधायक लोगों का प्रतिनिधि होता है और जनहित के लिए वह तरह – तरह की बैठकें करता है लेकिन उसके इस अधिकार पर कोर्ट के कई निर्णय ने बार – बार रोक लगा दी है। कोर्ट के अलग- अलग निर्णय के भुक्तभोगी भाजपा के दो विधायकों तमिल सेलवन और आशीष शेलार ने अपनी आपबीती बुधवार को विधानसभा में सुनाई। भाजपा के मुंबई के विधायक तमिल सेलवन ने औचित्य के मुद्दा उठाते हुए कहा कि उन्होंने जब सायन-कोलीवाडा की एक एसआरए योजना के निवासियों के पक्ष में दलील दी तो अदालत ने उन्हें फटकारा और विधायकों को एसआरए की बैठक नहीं लेने का निर्देश दिया। सेलवन ने कहा कि यह मामला गंभीर है और यह विधायकों के अधिकारों का हनन करने जैसा है। तमिल सेलवन के मुद्दे का समर्थन करते हुए भाजपा विधायक आशीष शेलार ने अन्य दो प्रकरणों में न्यायालय के ऐसे ही निर्देश देने की बात सदन को बताई। उन्होंने कहा कि कोरोना काल में सेनेटाइजेशन के लिए मुंबई महापालिका जो दवा का उपयोग कर रही थी, उससे अधिक प्रभावी दवा बाजार में उपलब्ध है, इसकी मुझे एक जानकार आदमी ने जानकारी दी । इस वजह से मैंने आयुक्त को पत्र लिखा कि एक ऐसी दवा आयी है विचार करिये। पालिका अतिरिक्त आयुक्त ने अपने कार्यालय में इस बारे में संयुक्त बैठक ली और इसके बाद कोई अन्य इस मामले को लेकर अदालत पहुंचा। अदालत ने इस मामले में फैसला सुनाते हुए निर्देश दिया कि विधायक महापालिका कार्यालय में बैठक नहीं ले सकते इसके आलावा एक जर्जर इमारत से जुड़ा मामला उन्होंने बताया । इस पर उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि यह मामले गंभीर है। इस मामले पर महाधिवक्ता से चर्चा कर अदालत में अपना पक्ष रखा जाएगा और जरूरत पड़ी तो सरकार सुप्रीम कोर्ट जाएगी। अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने कहा कि उपमुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा है वह भी योग्य है। अध्यक्ष ने कहा कि संविधान में एग्जीक्यूटिव और लेजिस्लेचर समान है। और इसका सम्मान रखना जरूरी है। जुडिशरी के साथ टकराव नहीं करना है लेकिन लेजिस्लेशन का अधिकार स्वतंत्र रहेगा यह आश्वासन देता हूँ। शेलार ने दूसरा मामला बताया था कि बांद्रा पश्चिम विधानसभा क्षेत्र की एक इमारत महापालिका ने खतरनाक घोषित की। इमारत के निवासियों को अपील करने का अधिकार है। इस मामले को मालिक कोर्ट में ले गया। इस मामले में कोर्ट ने कहा कि इस तरह के मामले में एमएलए को एंटरटेन नहीं करो। उन्होंने अध्यक्ष को कहा कि आप चीफ जस्टिस को पत्र भेजो। यह अपना अधिकार है। यह मामला गंभीर है ।
उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस मामले पर तत्काल संज्ञान में लेते हुए सरकार की भूमिका स्पष्ट की। उन्होंने कहा कि तमिल सेलवन कल ही यह मुद्दा हमारे ध्यान में लाए थे और विधायक आशीष शेलार का उठाया मुद्दा गंभीर है और सरकार इस बारे में राज्य के महाधिवक्ता से चर्चा कर अदालत में अपना पक्ष रखेगी और जरूरत पड़ी तो सरकार सुप्रीम कोर्ट जाएगी।