महाराष्ट्र में हर साल 4000 लड़कियां व 64000 महिलाएं लापता हो जाती हैं – चित्रा वाघ
विशेष संवाददाता
मुंबई(@nirbhaypathik): भाजपा की महाराष्ट्र प्रदेश महिला अध्यक्ष चित्रा वाघ ने सांसद सुप्रिया सुले पर निशाना साधा है और कहा है कि महाराष्ट्र हो या कोई और राज्य लड़कियों और महिलाओं के गायब होने की दर बढ़ रही है तो यह चिंताजनक है, लेकिन आपने इस मुद्दे को ऐसे पेश किया है जैसे सरकार बदल गई है और लड़कियां गायब होने लगी हैं। पहले विषय को समझें महाराष्ट्र में हर साल औसतन 4000 लड़कियां और 64,000 महिलाएं लापता हो जाती हैं।भले ही आप महाविकास अघाड़ी सरकार को देखें तो भी 2020 में 4517 लड़कियां और 63,252 महिलाएं लापता हुईं।2021 में 3937 लड़कियां और 60,435 महिलाएं लापता हुईं। यह कोविड का वर्ष था।
अब दूसरी अहम बात यह है कि गुमशुदा लड़कियों के मामलों में औसतन 90 फीसदी मामलों का पता चलता है, जबकि महिलाओं के मामले में पता लगाने की दर 75 फीसदी है। पश्चिम बंगाल, बिहार, दिल्ली में प्रति वर्ष यह संख्या लड़कियों के लिए औसतन 12,000 और महिलाओं के लिए 64,000 है।
सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार हर नाबालिग लड़की के मामले में प्राथमिकी दर्ज की जाती है। निश्चय ही यह समस्या गंभीर है। राजनीतिक भागीदारी को छोड़कर हर महिला नेताओं को एक साथ आकर समाधान सुझाना चाहिए, केवल आलोचना के लिए आलोचना करके समस्या का समाधान नहीं होता।