राज्य के विधानमंडल का विशेष सत्र बुलाएं – कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल की राज्यपाल से मांग
मुंबई, (Nirbhay Pathik):महाराष्ट्र भूषण पुरस्कार समारोह के दौरान खारघर में हुई 14 लोगों की मौत सरकारी हत्याकांड है लेकिन इस मामले में अभी तक कोई केस दर्ज नहीं किया गया है। इस घटना के लिए सरकार की लचर योजना जिम्मेदार है। खारघर घटना की उच्च न्यायालय के न्यायाधीश द्वारा जांच की जानी चाहिए। बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि से किसानों को नुकसान हुआ है और उन्हें भी तत्काल मदद दी जानी चाहिए। बारसू रिफाइनरी परियोजना का विरोध कर रहे स्थानीय लोगों पर सरकार द्वारा दबाव बनाया जा रहा है। महाराष्ट्र कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने कहा कि इस सारे मुद्दों पर चर्चा होनी चाहिए। इसके लिए उन्होंने मंगलवार को राज्यपाल से मिल कर इन सभी मुद्दों पर चर्चा के लिए विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने का अनुरोध किया।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले के नेतृत्व में नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने राजभवन में राज्यपाल रमेश बैस से मुलाकात की। इस प्रतिनिधिमंडल में पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण, पूर्व मंत्री व प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष नसीम खान, पूर्व सांसद हुसैन दलवई, पूर्व मंत्री अनीस अहमद, अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सचिव और प्रदेश के सह प्रभारी आशीष दुआ, प्रदेश महासचिव देवानंद पवार, पूर्व विधायक अमर राजुरकर, प्रवक्ता डॉ. राजू वाघमारे समेत कई अन्य नेता शामिल थे ।
राज्यपाल को अपना निवेदन देने के बाद मीडिया से बात करते हुए कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि आसमानी संकट से राज्य के किसान तबाह हो गए हैं। किसानों की आत्महत्या के मामले में लगातार वृद्धि हो रही है। इन संकटों के बावजूद सरकार किसानों की मदद नहीं कर रही है। खराब मौसम और ओलावृष्टि से किसानों की फसलों को भारी नुकसान हुआ है लेकिन अभी तक पंचनामा का काम नहीं हुआ है। सरकारी राजस्व और कृषि विभाग के पास फसलों को हुए नुकसान की पूरी जानकारी है। इस आधार पर सरकार द्वारा किसानों को पर्याप्त मदद करनी चाहिए। किसानों को कर्ज न देने के मकसद से सिबिल की दमनकारी नीति लागू की गई है। पटोले ने कहा कि किसानों को कर्ज न मिले, इसके लिए सिबिल की शर्त जरूरी कर दी है। हमारी मांग है कि इसमें ढील दी जाए।
नाना पटोले ने कहा कि रत्नागिरी में बारसू रिफाइनरी का स्थानीय लोगों ने कड़ा विरोध किया है और राज्य सरकार इस विरोध को दबाने के लिए पुलिस बल का इस्तेमाल कर रही है। उन्होंने कहा कि कोंकण की प्रकृति को नष्ट करने का काम भाजपा सरकार कर रही है। इस परियोजना से स्थानीय लोगों का विकास नहीं होगा, लेकिन सरकार से जुड़े लोगों का जरुर विकास होगा, जो पर्दे के पीछे से काम कर रहे हैं। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि हम लोगों ने राज्यपाल से इन सभी मुद्दों पर चर्चा के लिए दो दिवसीय विशेष सत्र बुलाने का अनुरोध किया है।
इस अवसर पर बोलते हुए पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण ने कहा कि माविआ सरकार के दौरान मैंने मराठा आरक्षण उप समिति के अध्यक्ष के नाते आरक्षण की सीमा को 50 प्रतिशत से आगे बढ़ाने की मांग की थी। उन्होंने कहा कि 50 प्रतिशत की सीमा बढ़ाए बिना मराठा समुदाय को आरक्षण देना संभव नहीं है। इस मुद्दे को सांसदों ने संसद में भी उठाया था लेकिन वर्तमान केंद्र सरकार ने इस पर कोई फैसला नहीं लिया। चव्हाण ने कहा कि सिर्फ क्यूरेटिव पिटीशन से कुछ भी हासिल नहीं होगा। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में माननीय सुप्रीम कोर्ट के फैसले से 58 फीसदी आरक्षण लागू हो रहा है। छत्तीसगढ़ की तरह महाराष्ट्र को भी मराठा आरक्षण का लाभ मिलना चाहिए। चव्हाण ने राज्यपाल से अनुरोध करते हुए कहा कि वे उनके माध्यम से केंद्र सरकार को इस बारे में सूचित करें।