दिल था भारत के लिए,पाक बनी थी देह
यार तिहत्तर साल में,तन तज गया फतेह
तन तज गया फतेह,नहीं किससे डरता था
जब भी मुंह खोले,सच ही बोला करता था
कह सुरेश वो भारतभक्त बड़ा ही चिल था
मुंह पर सरस्वती,अंदर भारत का दिल था
सुरेश मिश्र
दिल था भारत के लिए,पाक बनी थी देह
यार तिहत्तर साल में,तन तज गया फतेह
तन तज गया फतेह,नहीं किससे डरता था
जब भी मुंह खोले,सच ही बोला करता था
कह सुरेश वो भारतभक्त बड़ा ही चिल था
मुंह पर सरस्वती,अंदर भारत का दिल था
सुरेश मिश्र