खारघर कांड पर विधानमंडल का दो दिवसीय विशेष सत्र बुलाने की कांग्रेस की मांग
मुंबई,(निर्भय पथिक): खारघर में 16 अप्रैल को महाराष्ट्र भूषण पुरस्कार समारोह कार्यक्रम में हुई 14 लोगों की मौत राज्य सरकार के गैर जिम्मेदार रवैए और अनियोजित प्रबंधन के कारण हुई है। मीडिया में आ रही खबरों को देखते हुए यह सवाल खड़ा हो गया है कि ये मौतें हीट स्ट्रोक से हुई हैं या भगदड़ से। यह एक तरह से गैर इरादतन हत्या का मामला है, जिसकी सच्चाई को शिंदे सरकार छिपा रही है। महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष नाना पटोले ने महाराष्ट्र के राज्यपाल रमेश बैस को पत्र लिखकर मांग की है कि भविष्य में ऐसी घटना न हो इसके लिए विधानमंडल का दो दिवसीय विशेष सत्र बुलाया जाए।
इस संबंध में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने महाराष्ट्र के राज्यपाल रमेश बैस को भेजे पत्र में कहा है कि नवी मुंबई के खारघर में 16 अप्रैल 2023 को महाराष्ट्र भूषण पुरस्कार समारोह के दौरान 14 सदस्यों की मौत की घटना अत्यंत गंभीर एवं हृदय विदारक है। इस समारोह में वरिष्ठ निरुपणकार श्री अप्पासाहेब धर्माधिकारी को सम्मानित होते हुए देखने के लिए उनके करीब 20 लाख श्री सदस्य राज्य भर से आए थे। इस समारोह का आयोजन राज्य सरकार ने किया था और इसके लिए सरकारी खजाने से करीब 13 करोड़ रुपए खर्च किए गए थे। इतना खर्च करने के बावजूद सदस्यों को कड़ी धूप से बचाने के लिए टेंट की व्यवस्था नहीं की गई। सभी सदस्यों को घंटों धूप में बैठना पड़ना। वहां मौजूद लोगों के लिए पानी की भी उचित व्यवस्था नहीं की गई । कड़ी धूप की वजह से कई सदस्य हीट स्ट्रोक के शिकार हो गए और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। इससे भी ज्यादा चौंकाने वाली बात यह है कि विभिन्न माध्यमों से लू लगने के साथ-साथ भगदड़ की भी खबरें आ रही हैं, यह बेहद गंभीर है। सरकार इस कार्यक्रम की ठीक से योजना नहीं बना सकी। खराब योजना के कारण 14 लोगों की मौत हो चुकी है और 500 से अधिक सदस्यों का इलाज चल रहा है। यह संख्या ज्यादा होने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है। नाना पटोले ने कहा कि अब राज्य सरकार यह कहकर पूरे मामले से पल्ला झाड़ रही है कि अप्पासाहेब धर्माधिकारी ने ही इस कार्यक्रम के लिए दोपहर का समय दिया था। यह बेहद दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण है।
महाराष्ट्र भूषण पुरस्कार कार्यक्रम का आयोजन राज्य सरकार द्वारा किया गया था, इसलिए आयोजक के रूप में यह सरकार 14 मौतों की जिम्मेदारी से भाग नहीं सकती है। हम पहले ही मांग कर चुके हैं कि इस घटना के संबंध में सरकार के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज किया जाए। अगर इस सरकार के दिल में जनता के लिए थोड़ा सा भी दर्द होता तो अब तक इस्तीफा दे चुकी होती, लेकिन इतनी आलोचना के बावजूद ये कुर्सी से चिपके हुए हैं। खारघर कांड की सच्चाई को शिंदे सरकार छिपा रही है, लेकिन कांग्रेस पार्टी 24 अप्रैल को राज्य के हर जिले में पत्रकार परिषद करेगी और इसकी सच्चाई लोगों के सामने लाएगी ऐसा पटोले ने कहा है।