Home विविधासाहित्य खरी- खरी :सुरेश मिश्र

खरी- खरी :सुरेश मिश्र

by zadmin

फिर उमेश की आत्मा,पूछ रही श्रीमान
हत्यारों की देह को,निगल गए भगवान?
निगल गए भगवान, अरे वो बाबा योगी
अब भी पुलिस विभाग में छुपे मन के रोगी
कह सुरेश क्यों कार पलटने को रोता है
‘गैंगवार तो अब भी जेलों में होता है’

सुरेश मिश्र

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