महाराष्ट्र बजट अधिवेशन
मुंबई के कबूतरखाने को हेरिटेज का दर्जा नहीं-उदय सामंत
नवीन कुमार
मुंबई (निर्भय पथिक)। मंत्री उदय सामंत ने विधान परिषद में स्पष्ट किया कि मुंबई में लगभग नौ कबूतरखाने हैं और किसी भी कबूतरखाने को विरासत का दर्जा नहीं मिला है और न ही उसे ऐसा दर्जा दिया जा सकता है।
सदस्या श्रीमती उमा खापरे ने इस संबंध में ध्याकर्षण सूचना पर मंत्री सामंत ने बताया कि मुंबई में गेटवे ऑफ इंडिया, जीपीओ, एनएस रोड पेट्रोल पंप, अगस्त क्रांति मैदान, गिरगांव चौपाटी, नवजीवन सोसायटी, मालाबार हिल, एमएस अली रोड जंक्शन और दादर प्रमुख स्थान हैं जहां कबूतरखाने हैं जहां कई वर्षों से कबूतरों को दाना डाला जाता है।ज केईएम अस्पताल में श्वसन रोग और पर्यावरण प्रदूषण अनुसंधान केंद्र द्वारा किए गए एक सर्वेक्षण में कबूतरों के मल और बूंदों में फंगल बीजाणु पाए गए। इसके कारण लोगों को एक्सट्रिंसिक एलर्जिक अल्वेलाइटिस हो सकता है। इस रोग के लक्षणों में खांसी, दमा, ऑक्सीजन का निम्न स्तर आदि शामिल हो सकते हैं। बृहन्मुंबई नगर निगम के स्वच्छता और स्वास्थ्य उपनियम, 2006 के अनुसार अघोषित क्षेत्र में पक्षियों या जानवरों को खाना खिलाना सार्वजनिक उपद्रव की धारा के तहत प्रति घटना 500 रुपये के जुर्माने से दंडनीय है। उन्होंने बताया कि पिछले तीन माह में सार्वजनिक स्थानों पर पक्षियों को चारा खिलाकर उपद्रव करने पर नगर निगम के माध्यम से 10 हजार रुपये जुर्माना वसूल किया गया है. इस संबंध में हुई चर्चा में सदस्य निरंजन डावखरे ने भाग लिया।
मुंबई के कबूतरखाने को हेरिटेज का दर्जा नहीं-उदय सामंत
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