ओलावृष्टि से हुए नुकसान का पंचनामा दो दिनों के अंदर- मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे
नवीन कुमार
मुंबई (निर्भय पथिक)। पिछले कुछ दिनों में राज्य के विभिन्न हिस्सों में बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि से कृषि क्षेत्र प्रभावित हुआ है. इससे हुए नुकसान का पंचनामा का काम युद्ध स्तर पर चल रहा है और अगले दो दिनों में यह पंचनामा पूरा कर किसानों को राहत दी जाएगी। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि राज्य सरकार किसानों के साथ मजबूती से खड़ी है।
विपक्ष के नेता अंबादास दानवे ने विधान परिषद में नियम 260 के तहत किसानों के विभिन्न मुद्दों को लेकर सवाल उठाया। इस मुद्दे पर विभिन्न सदस्यों ने अपने विचार व्यक्त किए। इस चर्चा के बाद मुख्यमंत्री शिंदे ने उक्त जवाब दिया। इस बीच कृषि मंत्री अब्दुल सत्तार ने इस चर्चा का विस्तृत से जवाब दिया।
सत्तार ने कहा कि राज्य सरकार ने किसानों को राहत देने के लिए कई अहम फैसले लिए हैं। उन फैसलों को लागू करने की प्रक्रिया चल रही है। राज्य सरकार निश्चित रूप से फर्जी बीज बेचने वालों के खिलाफ कार्रवाई, काजू और आम की फसल उत्पादकों को राहत, प्याज की फसल के लिए सब्सिडी में वृद्धि, केंद्र प्रायोजित योजनाओं के प्रभावी कार्यान्वयन के माध्यम से किसानों को संकट से बाहर निकालने का काम कर रही है। हाल ही में हुई ओलावृष्टि आदि के लिए योजनाएं और समय पर पंचनामा पूरे करने काम जारी है।
फर्जी खाद, बीज और कीटनाशक बेचकर किसानों को ठगने वाली कंपनियों और विक्रेताओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई के आदेश दिए गए हैं। कृषि मंत्री ने विधान परिषद में जानकारी दी कि इस मामले में जो भी शामिल होगा उससे निपटा जाएगा।
केंद्र पुरस्कृत ग्राम बीज उत्पादन कार्यक्रम के अन्तर्गत बीज उत्पादन हेतु वर्ष 2022-23 में प्राप्त धनराशि का निर्धारित समय सीमा में उपयोग किया जायेगा। इसके अलावा उन्होंने बताया कि फर्जी बीजों को रोकने के लिए उद्यमिता सामाजिक उत्तरदायित्व के माध्यम से किसानों को बीज उपलब्ध कराने पर विचार किया जा रहा है। फलों की फसलों पर लगने वाले कीटों से बचाव के लिए विशेषज्ञों के माध्यम से किसानों को उपाय व सलाह दी जा रही है।
मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने प्याज की खेती के लिए 350 रुपए प्रति क्विंटल की सब्सिडी देने का फैसला किया है। पिछले साल हुई भारी बारिश की मदद किसानों तक पहुंची है। बारिश से हुए नुकसान के राहत को लेकर जल्द कार्रवाई की जाएगी। नियमित ऋण दाताओं को 50,000 रुपये अनुग्रह अनुदान दिया जा रहा है। शेष किसानों के बैंक खातों में एक माह में राशि पहुंच जाएगी।
जलवायु परिवर्तन के प्रभाव, थोक खाद्यान्न को बढ़ावा देने पर विचार करने के लिए विशेषज्ञों की एक समिति गठित की जाएगी। विभिन्न कृषि योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन से किसानों को निश्चित तौर पर संकट से उबारा जाएगा।