महाराष्ट्र विधान सभा :मंत्रियों की अनुपस्थिति पर हंगामा
संजीव शुक्ल
मुंबई,(निर्भय पथिक) :सोमवार को विधानसभा में बजट के अनुदान की मांग पर दोपहर बाद चर्चा शुरू हुई। लेकिन जैसे चर्चा शुरू हुई विपक्ष के सदस्यों ने सदन में संबंधित मंत्रियों के सदन में मौजूद नहीं होने का मामला उठाकर हंगामा किया। इसमें राजस्व एवं वन विभाग , कृषि , पशु संवर्धन , दुग्धव्यवसाय विकास एवं मत्स्य विभाग , सार्वजनिक निर्माण विभाग , मृदु एवं जलसंधारण विभाग के डिमांड पर चर्चा थी। विपक्ष के धनंजय मुंडे ने कहा कि यहाँ पर सिर्फ एक मंत्री मौजूद हैं। उस समय मंत्री गिरीश महाजन सदन में मौजूद थे। डिमांड पर चर्चा है। संबंधित विभाग के मंत्रियों को मौजूद होना चाहिये। जिस पर तालिका अध्यक्ष ने कहा कि संदेश भेजा है। इस पर सत्तासीन भाजपा के आशीष शेलार ने पहले सफाई दी कि आज सुबह ( 293 ) प्रस्ताव के तहत मुंबई पर चर्चा होनी थी। दो घंटे के बाद मांगों पर चर्चा होनी थी। इसलिए मंत्री नहीं थे । विधानसभा अध्यक्ष ने कार्यक्रम घोषित किया कि 293 के तहत चर्चा की जाएगी। उसके बाद मांगों पर चर्चा की जाएगी। इस दौरान राजस्व मंत्री राधाकृष्ण विखे पाटिल सदन में आ गए। राकांपा के दिलीप वलसे पाटिल ने कहा कि अभी प्रस्ताव पर चर्चा करने बजाय डिमांड पर चर्चा कर लो। अनेक बार ऐसा होता है। मंत्री नहीं रहते तो उत्तर नहीं आता है। आशीष शेलार ने दूसरी बार कहा कि विधानसभा अध्यक्ष के दालान में बैठक थी ,तो मैं भी था अध्यक्ष ने निर्णय लिया कि अभी 293 पर नहीं, मांगों पर चर्चा होनी चाहिए। राकांपा के जयंत पाटिल ने कहा कि राजस्व मंत्री हैं पर वन मंत्री नहीं हैं , सार्वजनिक निर्माण मंत्री गायब हैं , दुग्ध विकास , मत्स्य विकास किसके पास है। केवल एक ही मंत्री है , जिस पर सत्ता पक्ष के सदस्य ने कहा कि एक ही मंत्री भारी है। जिस पर जयंत पाटिल विफर पड़े और कहा तुमको एक ही काफी है एक दिन सब को भारी पड़ेगा। इस दौरान कृषि मंत्री अब्दुल सत्तार आ गए , जयंत पाटिल की तरफ देखते हुए इशारों में कहा कि खाना खा रहा था। सार्वजनिक निर्माण मंत्री रविंद्र चव्हाण भी सदन में आ गए।