भारत हिन्दू राष्ट्र बनकर रहेगा – धीरेन्द्र शास्त्री
\संजीव शुक्ल
मुंबई (निर्भय पथिक):श्री बागेश्वर धाम सरकार यानी परम पूज्य गुरुदेव पंडित धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री का दो दिवसीय कार्यक्रम मीरा रोड स्थित एस के स्टोन ग्राउंड में 18 और 19 मार्च को आयोजित किया गया है। इस कार्यक्रम के पहले दिन 18 मार्च को पंडित धीरेन्द्र शास्त्री को सुनने के लिए आने वालों से मैदान भरा रहा। यह श्रोता , भक्त अलग-अलग जगहों से आये थे। उनका कार्यक्रम शाम को ५ बजे से शुरू होना था लेकिन लोग कई घंटे पहले ही वहां आ पहुंचे थे। इसमें महाराष्ट्र से बाहर से भी आये लोग शामिल थे। करीब लाख भर लोगों की यह भीड़ रही होगी। इस अवसर पर धीरेन्द्र शास्त्री ने कहा कि संतो की भूमि और वीरों की भूमि है महाराष्ट्र , जहां हमारे वीर शिवाजी महाराज धर्म विरोधियों को नाको चने चबवा दिए थे। भारत हिन्दू राष्ट्र बने और यह बनकर रहेगा। इसके लिए घर – घर जागरण जरूरी है। वह अपना जीवन भी इसको समर्पित करने को तैयार हैं। उन्होंने कहा कि हिन्दू राष्ट्र मतलब जिसमें सभी सनातनी एकजुट होकर, मिलकर रहें। हिन्दू राष्ट्र मतलब यह नहीं कि किसी दूसरे पंथ या धर्म के लोगों को यहाँ से निकाला जायेगा। लोग मुझसे बोले महाराज आप मुंबई क्यों जा रहे हो। बार – बार जाने की क्या आवश्यकता है। हमने कहा हम तो माध्यम हैं। हम तो सामान्य व्यक्ति हैं लेकिन हमारा सनातन का सपना महाराष्ट्र से ही पूरा हो सकता है। उन्होंने कहा हम यहाँ चमत्कार दिखाने नहीं आये हैं , न ही अंधविश्वास में डालने आये हैं। उन्होंने कहा हमारा जो होना है हो जाये, हम अपना काम करके रहेंगें। उन्होंने कहा कि हम धर्म विरोधियों की ठठरी बाँध देंगें। उन्होंने शेर पढ़ा कि ‘ खोल दो पंख मेरे अभी उड़ान बाकी है, सिर्फ मुंबई नहीं हिंदुस्तान बाकी है’ । उन्होंने कहा जो मुझ पर अंधविश्वास फैलाने का आरोप लगाते हैं, वह आएं मुझसे मिले मैं उनको जवाब दूंगा। पंडित धर्मेंद्र शास्त्री ने कार्यक्रम का विरोध करने वाले का नाम लिए वगैर कहा अमृत सब को नहीं पचता। यह है तो अमृत लेकिन कोई पचा नहीं पाता तो तिलमिला जाता है। कोई चीज किसी के लिए अमृत होती है तो वही चीज किसी के लिए जहर का काम करती है । ( कांग्रेस के नाना पटोले सहित अन्य ने भी कार्यक्रम का विरोध किया था ) । उन्होंने कहा कि दो कौड़ी के लोगों को जवाब देने की ज़रूरत है क्या ? तो सामने बैठे लोगों ने कहा नहीं। मामखोर शुक्ल, गर्ग गोत्र परिवार में पैदा हुए धीरेन्द्र शास्त्री ने आगंतुकों से कहा कि वह सात्विक जीवन यापन करें। उन्होंने भक्तों को शराब नहीं पीने , मांसाहार नहीं करने के लिए कहा । प्याज और लहसुन से भी यथा संभव परहेज करने को कहा । उन्होंने तांत्रिकों के फेर में न पड़कर भगवान खासकर हनुमान की आराधना करने की सलाह दी। अपनी ईश्वरीय शक्ति का परिचय देते हुए उन्होंने कुछ लोगों के बारे में बिना बताये वह जानकारियां दी जो वह भुक्तभोगी ही जानता था। मंच पर उन लोगों के मुंह से भी उनकी समस्याएं सुनी और उनके जरूरत के अनुसार उपाय भी बताये। जैसे किसी को बताया कि उसको पितृ दोष की वजह से समस्या है , किसी की कुंडली में ग्रह विपरीत चल रहे हैं। किसी को बताया कि वह नकारात्मक ऊर्जा की चपेट में है। कोई गलत संगत में पड़ गया है। उन्होंने लोगों को हनुमान चालीसा की लाइन ‘ नासै रोग हरे सब पीरा , जपत निरंतर हनुमत वीरा ‘ या श्री राम चरित मानस के कृष्किन्धा कांड का दोहा ” कौन सा काज कठिन जग माही , जो नहीं होत तात तुम्ह पाहीं ” के सुमिरन करने की भी सलाह दी। उन्होंने कार्यक्रम की शुरुआत श्री गणेश वंदना से की। उन्होंने जय श्रीराम का बार – बार उच्चारण किया और करवाया । हनुमान जी ,मुंबा देवी, हिन्दू राष्ट्र , सनातन धर्म, बागेश्वर धाम, छत्रपति शिवाजी महाराज के जयकारे लगवाए। उन्होंने सीता राम का सुमिरन भी करवाया। उन्होंने जनाबाई की विट्ठल भक्ति का प्रसंग सुनाते हुए संत कबीर का भी उल्लेख किया। उन्होंने महाराष्ट्र , मुंबई ( मीरा रोड) में हुए अपने इस अभूतपूर्व कार्यक्रम पर बहुत प्रसन्नता जताई और बताया कि वह चार -पांच महीने में मुंबई आते रहेंगे । वह पुणे भी जायेंगें। वह ऑस्ट्रेलिया जाने वाले हैं। उन्होंने बताया कि ठाणे में बागेश्वर धाम का एक आश्रम बनेगा इसकी आधारशिला वह 20 मार्च को रखेंगे। उन्होंने कहा कि अब वह भी मुंबई वाले हो जायेगें। पंडित धीरेन्द्र शास्त्री ने भीड़ के सामने यह भी बताया कि एक बार दिल्ली में एक वैज्ञानिक उनके पास आया और कहा मैं आपके दिमाग पर शोध करना चाहता हूँ , मैंने कहा कि कुछ उल्टा- सीधा हो गया तो गड़बड़ हो जाएगी। उन्होंने कहा वह तो सामान्य हैं वह जो कहते या करते हैं उसके पीछे ईश्वरीय कृपा है। उन्होंने बताया कि उनकी योजना कैंसर अस्पताल बनवाने की है।19 मार्च को भी मीरा रोड एस के स्टोन ग्राउंड में उनका कार्यक्रम है ।