महाराष्ट्र विधान सभा:मुख्यमंत्री की कार्य शैली पर उन्हें नसीहत
विशेष संवाददाता
मुंबई(निर्भय पथिक ) :शुक्रवार को विधानसभा में विपक्ष के नेता अजित पवार ने मुख्यमंत्री शिंदे की कार्यशैली पर सवाल उठाया और कहा कि एक मंत्री को दिए गए निर्णय पर मुख्यमंत्री ने रोक लगा दी और मुख्यमंत्री के इस निर्णय पर कोर्ट ने प्रतिकूल टिप्पणी की है । विपक्ष के नेता ने कहा कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्रियों चाहे ए आर अंतुले हो चाहे शिवाजी राव निलंगेकर जब-जब न्यायालय ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्रियों के खिलाफ प्रतिकूल टिप्पणियां की है, तब तब मुख्यमंत्रियों को इस्तीफा देना पड़ा है। राज्य के सहकारिता मंत्री के निर्णय पर हस्तक्षेप किए जाने को लेकर मुंबई उच्च न्यायालय की नागपुर खंडपीठ ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की कार्यशैली पर टिप्पणी की है। न्यायालय की टिप्पणी के बाद मंत्रिमंडल के बीच चल रहा विवाद उजागर हो गया है। पवार ने कहा इस दरम्यान सदन में रखे गए महत्वपूर्ण मुद्दे पर मुख्यमंत्री स्वयं उत्तर न देकर मंत्री जवाब देते हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री को नैतिकता का पालन करने की बात कहीं। राज्य के सहकारिता मंत्री अतुल सावे ने चंद्रपुर जिला केंद्रीय सहकारी बैंक में भर्ती की अनुमति दी थी। उसके अनुसार , सहकारिता मंत्रालय ने 29 नवंबर 2022 को एक लिखित आदेश भी जारी किया था। राज्य के किसी मंत्री द्वारा लिए गए निर्णय को बदलने या संबंधित विभाग के मंत्री के कार्य में हस्तक्षेप करने का कोई विशेष अधिकार मुख्यमंत्री को नहीं है। इसके बावजूद मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने सहकारिता मंत्री अतुल सावे द्वारा चंद्रपुर जिला मध्यवर्ती बैंक की नौकरियों को लेकर दिए गए फैसले को स्थगन दे दिया था। मुख्यमंत्री द्वारा भर्ती के फैसले पर रोक लगाने के बाद चंद्रपुर जिला केंद्रीय सहकारी बैंक ने हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ में याचिका दायर की थी। इस याचिका की सुनवाई समय-समय पर नागपुर खंडपीठ में होती रही है और उच्च न्यायालय की नागपुर खंडपीठ ने स्पष्ट किया है कि मुख्यमंत्री को अन्य विभागों के मामलों में दखल देने का कोई अधिकार नहीं है।