विधान मंडल: विधायक नितिन देशमुख के खिलाफ कार्रवाई होगी
संजीव शुक्ल
मुंबई (निर्भय पथिक): अकोला जिले के बालापुर विधानसभा के विधायक नितिन देशमुख के खिलाफ कठोर कार्रवाई करने की मांग सरकार की तरफ से आबकारी मंत्री शंभुराजे देसाई ने विधानसभा में मंगलवार को की। जिस पर अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने कहा कि उनके खिलाफ अनुशासन भंग करने या जो उचित होग वह कार्रवाई करेंगे। उद्धव ठाकरे गुट के विधायक नितिन देशमुख ने विधान भवन परिसर में स्थित छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा के पास मंगलवार को धरना आंदोलन किया। नितिन देशमुख के निर्वाचन क्षेत्र में जल आपूर्ति की योजना का कार्य जारी था उसका काम आधा हो चुका है और उसमें आधी निधि खर्च की जा चुकी है लेकिन बाकी की निधि पर सरकार की तरफ से रोक लगा दी गयी है। निधि पर से स्थगन हटाने की अपनी अपनी मांग के लिए देशमुख ने यह धरना किया लेकिन परंपरागत तौर पर जिन सीढ़ियों पर किया जाता था वहां नहीं करके छत्रपति महाराज की प्रतिमा के पास किया। छत्रपति शिवाजी महाराज के प्रतिमा के पास आंदोलन करने पर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने भी विधानसभा में नाराजगी भी व्यक्त की थी। मंत्री शम्भू राजे देसाई ने विधानसभा में अपने वक्तव्य में कहा कि अभी तक छत्रपति की प्रतिमा का उपयोग इस तरह नहीं किया गया। उनसे सरकार की तरफ से मुलाकात की गयी। जिस काम को स्थगित मिली है उसकी गहन जांच की जा रही है। वह कुछ देर सीढ़ियों के पास आये थे। वह फिर छत्रपति की प्रतिमा के पास जाकर बैठ गए। इस तरह छत्रपति शिवाजी महाराज के नाम का उपयोग करना गलत है। यह अपनी प्रथा के अनुरूप नहीं है। परंपरा को खंडित करने वाला है। उन्होंने अध्यक्ष से निवेदन किया कि उन्होंने इस तरह का जगह का उपयोग किया है उनके खिलाफ ठोस कार्रवाई करनी चाहिए। कांग्रेस के अशोक चव्हाण ने देशमुख का बचाव करते हुए कहा कि उनकी ( देशमुख ) की भावना देखनी चाहिए। उनके निर्वाचन क्षेत्र में पानी आपूर्ति की योजना को स्थगित दी गयी है। अपने सहयोगी है। इस समस्या का हल निकाला जाना चाहिए। विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने कहा कि इस पर सबेरे भी चर्चा हुई। उनकी जो दिक्कत है उसके बारे में समझाया गया। शम्भू राजे गए उनको बताये। उपमुख्यमंत्री का कुछ निवेदन है उस पर स्थगित दी गयी है। पहले वह सीढ़ियों के पास आये थे। फिर प्रतिमा के पास चले गए। मैंने उन्हें बुलाया तो वे आये नहीं। जो परम्परा है कोई आंदोलन करना है तो सीढ़ियों पर करते हैं। प्रतिमा पर आंदोलन करना ठीक नहीं है अगर वह गौर नहीं करेंगें तो अनुशासन भंग की कार्रवाई की जाएगी। जिस पर राकांपा के जितेंद्र आव्हाड ने कहा कि कहां आंदोलन करना है यह रूल बुक में नहीं लिखा है। जिस पर अध्यक्ष नार्वेकर ने कहा कि विधान भवन में अनुशासन पालन करना सदस्यों पर है। अनुशासन भंग करने या जो योग्य कार्रवाई है की जाएगी। इसके पहले विपक्ष ने सदन में देशमुख के आंदोलन के बारे में बताते हुए कहा कि उनके निर्वाचन क्षेत्र में 200 करोड़ रुपये की लागत वाली योजना का काम चल रहा था। इसमें आधी रकम खर्च कर के आधा काम हुआ भी है लेकिन इस कार्य पर स्थगन दे दिया गया है। विपक्ष ने मुख्यमंत्री से कहा कि देशमुख को मिलने उनका प्रतिनधि भेजें । मुख्यमंत्री शिंदे ने कहा कि जिनका आंदोलन है वह सीढ़ियों पर बैठते है अब नयी परंपरा शुरू की है। छत्रपति शिवाजी की प्रतिमा के पास बैठे हैं। यह नयी पद्धति शुरू नहीं करनी है।