Home मुंबई-अन्य पुरानी पेंशन योजना पर कर्मचारी संगठनों और विपक्षी नेताओं के साथ चर्चा करेंगे फडणवीस

पुरानी पेंशन योजना पर कर्मचारी संगठनों और विपक्षी नेताओं के साथ चर्चा करेंगे फडणवीस

by zadmin

महाराष्ट्र बजट अधिवेशन:पुरानी पेंशन योजना पर कर्मचारी संगठनों और विपक्ष के नेताओं के साथ सोमवार को चर्चा करेंगे फडणवीस

नवीन कुमार

मुंबई (निर्भय पथिक)। महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने आज विधान परिषद में विपक्ष को आश्वस्त किया कि राज्य सरकार पुरानी पेंशन योजना को लेकर नकारात्मक नहीं है। इसके लिए जल्दबाजी करने की जरूरत नहीं है बल्कि इस पर चर्चा करके सकारात्मक उपाय निकालने की जरूरत है। उन्होंने कर्मचारियों से अपील की कि वे 14 मार्च को हड़ताल पर न जाएं। उससे पहले चर्चा करें। उन्होंने विपक्ष से कहा कि हम सोमवार को इस पर चर्चा करके सही राह निकालने की कोशिश करेंगे। इस चर्चा में विपक्ष के साथ कर्मचारी संगठनों के नेता भी शामिल रहेंगे। फडणवीस ने विश्वास जताया कि इस चर्चा में उपाय निकलेंगे। परिषद में विपक्ष के नेता अंबादास दानवे ने पुरानी पेंशन योजना के मुद्दे पर आक्रामक तेवर पेश किए।

उन्होंने कहा कि झारखंड जैसे राज्य सहित कई अन्य राज्यों ने भी पुरानी पेंशन योजना प्रदान करना शुरू कर दिया है। दूसरे राज्य इस योजना को शुरू करते हैं तो हमारा महाराष्ट्र क्यों नहीं कर सकता? दानवे के अलावा विधान परिषद सदस्य कपिल पाटील ने सूचना दी कि कर्मचारी संगठनों ने 14 मार्च से हड़ताल की घोषणा की है। इसलिए इस पर गंभीरता से विचार करने की जरूरत है। परिषद के कई और सदस्यों ने पुरानी पेंशन योजना के मुद्दे को उठाया।विपक्ष की ओर से पुरानी पेंशन योजना के मुद्दे को उठाने के बाद फडणवीस ने कहा कि पुरानी पेंशन योजना को अभी लागू कर दें तो कोई फर्क नहीं पड़ेगा। लेकिन 2030 के बाद इसके नतीजे दिखने शुरू हो जाएंगे। मैं लॉन्ग टर्म सोच रहा हूं। हम चुनाव को ध्यान में रखकर निर्णय लेना नहीं चाहते बल्कि कर्मचारियों को न्याय मिले वो फैसला करना चाहते हैं। फडणवीस नई और पुरानी पेंशन योजनाओं के बारे में बात करते हुए कहा कि पुरानी पेंशन योजना में सेवानिवृत्ति के समय जो वेतन होता है उसका पचास प्रतिशत सेवानिवृत्ति के बाद दिया जाता है। नई पेंशन योजना में पहली बार यह निर्णय लिया गया कि सरकार 10 प्रतिशत अंशदान करेगी और कर्मचारी 10 प्रतिशत अंशदान करेगा। यह निर्णय लिया गया कि जब कर्मचारी सेवानिवृत्त होगा तो सेवानिवृत्ति के बाद 60 प्रतिशत धन का भुगतान किया जाएगा और शेष 40 प्रतिशत पेंशन के रूप में दिया जाएगा। फडणवीस ने कहा कि पुरानी पेंशन योजना का बोझ उठाने के लिए योजना बनाना जरूरी है। उन्होंने कहा कि मैं पुरानी पेंशन के मुद्दे पर सभी संगठनों से बात करने को तैयार हूं। केवल उन्हें भावुक नहीं होना चाहिए। उन्हें तकनीकी पक्ष को समझना चाहिए। उन्हें सरकार का पक्ष समझ में आ गया तो मामला खत्म हो जाएगा। हमें ईगो नहीं पालना है बल्कि उपाय खोजना है। भविष्य में राज्य की अर्थव्यवस्था के बेहतर रहने के लिए सभी को मुद्दों को समझने की जरूरत है। राज्य सरकार इस मुद्दे पर चर्चा कर कोई रास्ता निकालने की पहल करेगी।फडणवीस ने कहा कि नवंबर 2005 में एक नई पेंशन योजना को अपनाया गया। मूल रूप से इस योजना को अपनाने का कारण वेतन आयोग का लागू होना था। उस समय राज्य की आर्थिक स्थिति बहुत खराब थी। इन सभी परिस्थितियों को देखते हुए महाराष्ट्र ने यह फैसला बहुत सोच-समझकर लिया है। देखा जाता है कि दुनिया भर की उन्नत अर्थव्यवस्थाओं में पेंशन योजना इसी तरह से लागू होती है। अब पुरानी पेंशन योजना जैसी योजना कहीं लागू नहीं होती। कैनेडियन पेंशन फंड जैसे फंड हमारे राज्य में पैसा लगाते हैं। वे सरकार को पैसा भी देते हैं। अर्थव्यवस्था को स्थिर रखने के लिए वेतन, पेंशन और ब्याज भुगतान के तीनों पहलुओं पर व्यय को संतुलित करना महत्वपूर्ण है। हम इस राज्य में सभी का कल्याण देखना चाहते हैं। 

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