लव जिहाद मामले पर भिड़ा सत्ता पक्ष और विपक्ष
विशेष संवाददाता
मुंबई(निर्भय पथिक):शुक्रवार को लव जिहाद के मामले पर सत्ता पक्ष और विपक्ष भिड़ गया। इस मामले पर विधानसभा में सत्ता पक्ष और विपक्ष के सदस्यों में जमकर वाद विवाद हुआ। जिस समय यह विवाद हुआ मंत्री मंगल प्रभात लोढ़ा सदन में नहीं थे।
राकांपा विधायक जितेंद्र आव्हाड ने प्वाइंट ऑफ इनफार्मेशन के तहत मुद्दा उठाते हुए कहा कि गुरुवार को महिला और बाल विकास मंत्री मंगल प्रभात लोढा ने सदन में गलत जानकारी दी कि लव जिहाद के 1 लाख मामले हैं, जबकि मेरी जानकारी में अधिकृत रूप से इंटर फेथ , जिसे ये लोग लव जिहाद कहते हैं के केवल 3 हजार 793 मामले हैं। मंत्री ने सदन में गलत जानकारी दी है। इस पर भाजपा के योगेश सागर ने आपत्ति प्रकट करते हुए कहा कि मंत्री ने अपने बयान में किसी संप्रदाय और धर्म का उल्लेख नहीं किया है। लव जिहाद के मामले तीन हजार हो या सवा लाख? इनका (आव्हाड) का क्या संबंध है, ये बताया जाए। ये किसकी दलाली करते हैं, किसकी वकीली करते हैं, ये लव जिहाद की वकीली करते हैं।
भाजपा विधायक आशीष शेलार ने कहा पॉइंट ऑफ़ प्रोसीजर उनका अधिकार है लेकिन यदि आव्हाड को मंत्री पर आरोप लगाना है तो उन्हें नोटिस देना चाहिए। लव जिहाद की चर्चा करो । लव जिहाद पर कानून बनाना चाहिए। यदि एक भी हिंदू महिला पर अत्याचार हुआ, किसी लड़की को प्रेम प्रकरण में फंसाकर लव जिहाद किया गया तो मैं बोलूंगा। मामला बढ़ता देख विपक्ष के नेता अजित पवार ने कहा कि इस पर वाद विवाद नहीं होना चाहिए और कामकाज को आगे बढ़ाया जाए। इस दौरान राम सातपुते भी आवेग में आ गए।
लेकिन अजित पवार की बात को अनसुनी करते हुए सपा विधायक अबू आसिम आजमी ने कहा कि लोढा ने गलत जानकारी दी है और उनसे माफी मांगने के लिए बोला जाए। आजमी ने कहा कि लव जिहाद नाम की कोई चीज नहीं है। मंत्री गुलाब राव पाटिल भी भड़क गए अजित पवार ने कहा कि तुम मंत्री हो लेकिन गुलाब राव पाटिल ने तैश में कहा कि आव्हाड को जानकारी नहीं कि लव जिहाद क्या होता है। आव्हाड मुंब्रा में रहते हैं। लव जिहाद देखना है तो मेरे साथ गांव चलिए। जिनकी लड़की जाती है, उसके पिता के पास आत्महत्या के अलावा कोई विकल्प नहीं रहता। दुबई जाकर लड़कियां बेंची जाती है। वोटों के लिए इस तरह की बात कहने की हम निंदा करते हैं। विधानसभा में विपक्ष के नेता अजित पवार ने कहा कि इस विवाद को यहीं खत्म किया जाए और नियम 93 के तहत चर्चा की इजाजत दी जाए। आखिरकार यह मामला शांत हुआ और सदन का कामकाज आगे बढ़ा।
लव जिहाद मामले पर भिड़ा सत्ता पक्ष और विपक्ष
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