हमें आशा है कि भारत आर्थिक महाशक्ति बनेगा
विशेष संवाददाता
मुंबई: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट पेश करते समय यह घोषणा की है कि पैन कार्ड का उपयोग सभी सरकारी संस्थाओं और व्यवहार में कॉमन पहचान पत्र के तौर पर उपयोग किया जाये। उसके साथ ही यूनिफाइड फायलिंग सिस्टम शुरू की गयी है। वेलिंगटन इंस्टीट्यूट के प्रोफेसर और चार्टर्ड अकाउंटेंट डॉ अजित जोशी कहते है कि एड्रेस और फाइनेंस का पैनकार्ड एकमेव पहचान रहेगी यह अच्छा निर्णय है। वे 3 जनवरी को मंत्रालय पत्रकार कक्ष में साल 2023-24 के लिए संसद में गत दिवस पेश किये गए केंद्रीय बजट पर बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि बजट में कुछ खास रहता है ऐसा नहीं है लेकिन आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट महत्वपूर्ण रहता है। उन्होंने कहा कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट पेश किया है वह जटिलता से भरा है। पहले चार्टर्ड अकाउंटेंट आसानी से कर दाताओं का इनकम टैक्स रिटर्न भर देते थे.अब बजट में जटिलता के कारण रिटर्न भरने में ज्यादा समय लगेगा। उन्होंने कहा कि वित्त मंत्री ने जो जटिल सवाल थे उसका उत्तर नहीं दिया या दिया तो बहुत उपयुक्त नहीं था। उन्होंने कहा कि भारत में आर्थिक मंदी करोना के पहले आयी थी लेकिन भारत दुनिया में अन्य देशों की अपेक्षा संभल गया। उन्होंने कहा कि सकल घरेलू उत्पाद बढ़ाएं। पहले रोज़गार बढ़ाओ। रोजगार देना यह बड़ा सवाल है। उन्होंने कहा कि कृषि क्षेत्र के लिए बजट में कटौती की गयी, पहले के बजट में इस मद में एक लाख चौदह हज़ार करोड़ रुपये का प्रावधान था लेकिन इस बजट में एक लाख दस हज़ार करोड़ रूपये रखा गया है। शिक्षा के लिए जो रकम इससे पहले बजट में रखा गया था उसमें इस बजट में कटौती की गयी है। उन्होंने कहा सरकार बजट में घोषणाएं करती है लेकिन उसे पूरा नहीं कर पाती उन्होंने कहा कि सरकार ने कहा था कि 60 किलोमीटर रोप वे बनाऊंगा, लेकिन एक किलोमीटर भी नहीं शुरू हुआ। सरकार ने कहा था कि पांच साल में 30 लाख करोड़ का निवेश होगा लेकिन एक साल में सिर्फ 70500 करोड़ ही निवेश हो पाया। वंदे भारत ट्रेन के बारे में कहा था कि 300 वंदे भारत ट्रेन चलेगी लेकिन अभी तक छह ही चालू हो सकी। डॉ जोशी ने कहा कि बजट में रिसर्च पर खर्च कम होता जा रहा है।डॉ. जोशी ने बजट के दोनों पहलुओं पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि सहकार क्षेत्र को बहुत बड़ा सपोर्ट देने की घोषणा बजट में की गयी है। केंद्र सरकार में सहकार विभाग अमित शाह के पास है और इस बजट में जुगल जोड़ी की छाप है। बजट में अर्टिफिसियल इंटेलिजेंस को बढ़ावा देने के लिए कहा है। स्किल डेवलपमेंट में पहले टेक्निकल क्षेत्र के सुतार, मेहंदी जैसे के बारे में कहा जाता था इस बजट में कोडिंग जैसे को स्किल डेवलपमेंट में निहित किया गया है। उन्होंने कहा कि पहले न्यूज़ एजेंसीज जिनके पैसे पर चलायी जाती थी उसको कर मुक्त रखा गया था लेकिन इस बजट में पीटीआई , यूएनआई जैसे समाचार एजेंसीज से कन्सेशन निकाल दिया गया है। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि देश का 60 फीसदी इंफ्रास्ट्रक्चर एक उद्योगपति के पास है अगर वह अडानी डूबेगा तो क्या होगा। उन्होंने कहा कि दुर्दैव से यह सत्य हो गया कि ”अडानी इज इंडिया ”. उन्होंने कहा कि अडानी तीसरे नंबर पर थे वह दुनिया में सोलह नंबर पर पहुँच गये ,इस पर मत जाओ। भारत जनसंख्या के मामले में दुनिया में दूसरा तथा क्षेत्रफल के मामले में भारत दुनिया का छठा देश है। दो लोगों ने मारपीट की तो इससे सकल घरेलु उत्पाद ( जीडीपी ) नहीं बढ़नेवाली। डॉ जोशी ने कहा लोगों के पास रोज़गार होगा तो आमदनी होगी और आमदनी होगी तो वह रकम खर्च करेंगे। उन्होंने केंद्र सरकार द्वारा मुफ्त आहार देने की वकालत करते हुए कहा कि ज़रुरत मंद को मुफ्त में राशन देना चाहिए यह अच्छी योजना है। उन्होंने कहा नरेगा जैसी योजनाएं हर गाँव में नहीं पहुँची है। एक सवाल के जवाब में डॉ अजित जोशी ने कहा कि आशा है साल 2047तक भारत दुनिया की सबसे बड़ी आर्थिक महाशक्ति बन जायेगा .।