मुख्यमंत्री शिंदे निरंकारी संत समागम में पहुंचे, लिया आशीर्वाद
अहंकार को तजकर निरंकार को हृदय में बसायें– निरंकारी सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज
औरंगाबाद :अहंकार को तजकर निरंकार को हृदय में बसा कर वास्तविक जीवन जीते चले जायें |” यह प्रतिपादन निरंकारी सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज ने औरंगाबाद के बिडकीन डीएमआयसी इलाके में चल रहे महाराष्ट्र के 56वें वार्षिक निरंकारी संत समागम के दूसरे दिन देश-विदेश से आये लाखों निरंकारी भक्तों के समक्ष व्यक्त किये.
सतगुरु माता जी ने आगे फरमाया कि अहंकार के वश में होकर मनुष्य वास्तविक जीवन जीने से वंचित रह जाता है | इसके विपरीत अगर वह ब्रह्मज्ञान के द्वारा ईश्वर के साथ नाता जोड़कर हर समय ईश्वर का अहसास रखते हुए जीवन जीता है तो उसका जीवन मूल्यवान हो जाता है |संत समागम के दौरान महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे रविवार को इस निरंकारी संत समागम को शिष्टाचार भेंट किया और सतगुरु माता सुदीक्षा महाराज एवं निरंकारी राजपिता रमित जी का आशीर्वाद प्राप्त किया | इस अवसर पर संत निरंकारी मिशन के आध्यात्मिक एवं सामाजिक कार्यों की भूरि भूरि प्रशंसा करते हुए उन्होंने कहा कि संत-महात्मा हमेशा मानव के जीवन में खुशहाली लाने का प्रयास करते रहते हैं | इसी प्रकार वर्तमान समय में यह मिशन मानवता के कल्याण में सक्रिय है. कोविड के दौरान एवं बाढ़ जैसी प्राकृतिक आपदाओं के दौरान की गई सेवाएं तथा स्वच्छता अभियान जैसी चलाई जा रही गतिविधियों की प्रशंसा की | मुख्य मंत्री श्री शिंदे के साथ औरंगाबाद के पालक मंत्री संदीपान भुमरे, मंत्री अब्दुल सत्तार एवं अन्य गणमान्य सज्जन उपस्थित थे |