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खरी-खरी: सुरेश मिश्र

by zadmin

कूटो जीभर कर इसे, जहां मिले शैतान
स्वामी खुद को मानता,कुटिल, अघी,नादान
कुटिल,अघी,नादान,जिसे जनता ने पीटा
हिंदू रिपु ने राम चरित को पुनः घसीटा
कह सुरेश हिय में गुबार है जो भी फूटो
आस्था का बैरी मिल जाय जहां भी कूटो

सुरेश मिश्र

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