ब्रजभूषण जी आपकी, महिमा अपरम्पार
तारे हो तुम अब तलक,कितनों को सरकार
कितनों को सरकार,आपका दांव निराला
गंगा समझे यार, आप तो निकले नाला
कह सुरेश इतना तो नहीं गिरे खरदूषण
गिरा पहलवानी में जितना ये ब्रजभूषण
सुरेश मिश्र
ब्रजभूषण जी आपकी, महिमा अपरम्पार
तारे हो तुम अब तलक,कितनों को सरकार
कितनों को सरकार,आपका दांव निराला
गंगा समझे यार, आप तो निकले नाला
कह सुरेश इतना तो नहीं गिरे खरदूषण
गिरा पहलवानी में जितना ये ब्रजभूषण
सुरेश मिश्र