धारावी पुनर्विकास की अड़चन दूर करेगें – फडणवीस
संजीव शुक्ल
नागपुर: महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एवं गृहनिर्माण मंत्री देवेंद्र फडणवीस ने शुक्रवार को विधानसभा को बताया कि पुनर्विकास के लिए निविदा मंज़ूर कर ली गयी है। मुंबई स्थित देश की सबसे बड़ी झोपड़पट्टी धारावी के पुनर्विकास में जो भी अड़चनें है उसे दूर करेगें। उपमुख्यमंत्री ने सदन को बताया कि देश की सबसे बड़ी वर्कमैनशिप धारावी है लेकिन वह गलिच्छ बस्ती है। पुनर्वसन के लिए कोर्ट ने जो कट ऑफ डेट दी है उसके अनुसार किया जायेगा। यहाँ पर 46191 रहिवासी हैं , 12974 अनिवासी है। इस तरह वहां 59000 हज़ार परिवार है। जो लोग वहां रहते हैं उनका पुनर्वसन करते समय उनको ज्यादा जगह दी जाएगी मसलन जिनका300 वर्ग फ़ीट है उनको 400 वर्ग फ़ीट जगह दी जाएगी जिनकी 750 वर्ग फ़ीट है उनको 1000 वर्ग फ़ीट जगह दी जाएगी। पांच साल मेन्टेनेंस माफ़ किये जाने पर विचार किया जायेगा।। यहाँ के जो धार्मिक स्थल हैं वह सुप्रीम कोर्ट की कट ऑफ लाइन के अनुसार उनको जगह दिया जायेगा। सर्वधर्मीय धार्मिक स्थल एक जगह बनाया जायेगा। उपमुख्यमंत्री ने बताया यहाँ जो लोग अतिक्रमण किये हैं उनका भी पुनर्वसन किया जायेगा लेकिन जितने में हैं उनको उतनी ही जगह दी जाएगी। उन्होंने कहा कि धारावी पुनर्विकास के लिए टेंडर मंज़ूर कर लिया गया है। धारावी के आर्थिक योगदान को देखते हुए प्लान तैयार करना पड़ेगा। फडणवीस ने कहा कि यह जेनरेशनल प्रोजेक्ट है यह 7वर्ष या उससे अधिक चलेगा इसमें कोई अड़चन है तो उसको दूर करेंगें। गृहनिर्माण मंत्री फडणवीस ने सदन को बताया यह फायदे के लिए नहीं बल्कि जो लोग गलिच्छ बस्ती में रहते हैं उनका उचित पुनर्वसन किये जाने के लिए प्रोजेक्ट है इसके लिए रेलवे से मूल कीमत से कम पर जमीन ली गयी है। इस रेलवे की ज़मीन की कीमत भर दी गयी है। रेलवे की यह जगह47 एकड़ है यह पुनर्वसन के लिए गेम चेंजर है। पुनर्वसन के लिए रिहैब बिल्डिंग बनाना पड़ेगा। अपात्र के लिए अलग बनाना पड़ेगा। धारावी पुनर्वसन के मामले को कांग्रेस की धारावी की विधायक वर्षा गायकवाड़ ने ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के तहत उठाया था। उन्होंने कहा था कि इमारत बनने के बाद उसका मेंटेनेंस अधिक होगा इसलिए वह माफ़ किया जाये।