Home समसमायिकीप्रसंगवश महाराष्ट्र विधान मंडल: निधि आवंटन को लेकर सदन में हंगामा

महाराष्ट्र विधान मंडल: निधि आवंटन को लेकर सदन में हंगामा

by zadmin

निधि आबंटन के मामले पर विपक्ष का हंगामा , सदन का कामकाज चार बार स्थगित

 संजीव शुक्ल 

नागपुर: मंगलवार को विधानसभा में निधि आबंटन के मामले पर विपक्ष के तेवर से सदन में हंगामा हुआ और कामकाज चार बार स्थगित करना पड़ा। तीन बार 10-10मिनट के लिए और चौथी बार 15 मिनट के लिए। विधानसभा का कामकाज सुबह 11बजे शुरू हुआ ,तब विपक्ष के नेता अजित पवार बोलने के लिए खड़े हुए . उस समय उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस सदन में थे लेकिन मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे मौजूद नहीं थे।  अजित पवार ने कहा कि विपक्ष के नेता के तौर पर  मुख्यमंत्री को निधि आबंटन मामले में मिला तो उन्होंने कहा कि वित्तमंत्री भाजपा का है। पवार ने कहा कि मनोहर जोशी को काम करते देखा, नारायण राणे को देखा, देवेंद्र फडणवीस को काम करते देखा लेकिन  निधि सम्बन्धी ऐसी दिक्कत कभी नहीं हुई। दरअसल गत  सरकार  में वित्त  मंत्री के  तौर  पर  अजित पवार  ने जो फंड सदस्यों को आबंटित किया था उसका 70 फीसदी तो मिल चुका है, लेकिन शेष 30 फीसदी रकम पर शिंदे सरकार ने स्थगन लगा दिया है।  जिस मद में इस रकम का उपयोग किया जाना रहा है उसकी लागत बढ़ने के आसार भी हैं।  पवार  ने निधि सम्बन्धी इस मामले को उठाया तो विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने कहा कि अजित पवार ने जो मुद्दा पेश किया उसका दखल ले लिया गया है।  उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस सदन में खड़े हुए और कहा कि जब उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री बने तो सारे कार्य हेतु उन्होंने रोका था अढ़ाई वर्ष में भाजपा को एक नया पैसा नहीं दिया। इस दौरान विपक्ष के सदस्य भूगर्भगृह में जाकर  जमा हो गए। फडणवीस ने कहा कि आमदनी अठन्नी खर्चा रुपैया। पैसा  लाएं  कहाँ से। हम जहाँ ज़रूरत होगी देगें किसी पर अन्याय करने की ज़रूरत नहीं है। इस दौरान विपक्ष के सदस्य  खड़े होकर हंगामा कर रहे थे। अध्यक्ष ने कहा कि उपमुख्यमंत्री ने जवाब दिया है नियम से कामकाज चलेगा , प्रश्नोत्तर  शुरू करना है।  विपक्ष के हंगामें के बीच ही प्रश्नोत्तर शुरू हुआ। विपक्ष के  हंगामे  के दौरान आदित्य ठाकरे हाथ पीछे बांधे खड़े रहे। इस दौरान कई प्रश्नोत्तर हुए लेकिन  सुबह 11 से 12 बजे के बीच एक घंटे  में अन्य कई प्रश्नोत्तर और हो सकते थे लेकिन हंगामे  के कारण सदन का कामकाज  पहली बार 11. 30 बजे 10 मिनट के लिए स्थगित किया गया। उसके बाद निधि संबंधी जारी इसी  हंगामे के कारण दूसरी बार 15मिनट के लिए सदन का कामकाज स्थगित किया गया। 11.55 पर तीसरी बार 10 मिनट के लिए सदन का कामकाज स्थगित किया गया।  इस दौरान विधानसभा अध्यक्ष के केबिन में सत्तारूढ और  विपक्ष के गुट  नेताओं की बैठक हुई।12.05 को तालिका अध्यक्ष समीर  कुनावार ने  10 मिनट के लिए सदन का कामकाज  फिर  स्थगित किया। 12.15 पर अध्यक्ष  नार्वेकर अपने आसन पर आये और सदन का कामकाज पुनः शुरू हुआ। पवार ने कहा कि मुख्यमंत्री , उपमुख्यमंत्री से सदन में चर्चा हुई। महाराष्ट्र को नज़र में रखकर समान निधि दिया जाना चाहिए।  मुख्यमंत्री शिंदे ने सदन को बताया  कि अध्यक्ष के  दालान में एक बैठक हुई जिसमें  मुख्यमंत्री , उपमुख्यमंत्री एवं वित्तमंत्री , गुट  नेता  मौजूद थे। यह सत्र समाप्त होने के पहले सभी गुट  नेताओं की इस बारे में  बैठक बुलाई जाएगी। उसके बाद तारांकित प्रश्नों की सूची सदन के पटल पर रखी गयी। और आगे का सदन का कामकाज निर्धारित  कार्यक्रम के अनुसार हुआ। छह ध्यानकर्षण प्रस्ताव भी रखे गए।

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