फडणवीस ने ५२ हजार ३२७ करोड़ की पूरक मांगें पेश की
नागपुर: महाराष्ट्र विधानमंडल के शीतकालीन सत्र के पहले दिन उपमुख्यमंत्री और वित्त मंत्री देवेंद्र फडणवीस ने विधानसभा और विधानपरिषद इन दोनों सदनों में 52 हजार 327 करोड़ 83 लाख रुपए की पूरक मांगें पेश की। आगामी नगरपालिका, जिला परिषद और पंचायत समितियों के चुनावों को ध्यान में रखते हुए आधारभूत सुविधाओं के विकास के लिए साढ़े पांच हजार करोड़ रुपए के प्रावधान किए गए हैं। इस निधि में से 4 हजार 500 करोड़ रुपए महापालिका और नगर पालिकाओं में विशेष कार्य के लिए दिए जाएंगे। वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में बुनियादी सुविधाओं के साथ-साथ विभिन्न विकास कार्यों के लिए अतिरिक्त 1 हजार करोड़ रुपए दिए जाएंगे। विधानसभा में आगामी 21 और 22 दिसंबर को पूरक मांगों पर चर्चा और मतदान होगा। पूरक मांग में कृषि पंप धारक किसान, पावरलूम, वस्त्रोद्योग ,ग्राहक और औद्योगिक ग्राहकों के विद्युत शुल्क में राहत देने के लिए 4997 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। सरकार ने भारी बारिश और प्राकृतिक प्रकोप से प्रभावित किसानों को बढ़ी दर से मदद करने का निर्णय लिया है। इस मदद के लिए 3 हजार 200 करोड़ रुपए की रकम उपलब्ध कराई गई है। प्याज उत्पादक किसानों के लंबित प्याज अनुदान देने के लिए 7 करोड़ 47 लाख रुपए का प्रावधान किया गया है।
राज्य के अनुदानित स्कूलों के शिक्षक और गैर शिक्षण कर्मचारियों को 7वें वेतन आयोग की पहली और दूसरी किश्त के भुगतान और तीसरे किश्त देने के लिए अतिरिक्त 2 हजार 135 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। राज्य के सेवानिवृत्त कर्मचारियों को पेंशन और सेवानिवृत्ति लाभ देने के लिए 2 हजार करोड़ रुपए तथा लघु, मध्यम और बड़े उद्योगों सहित विशाल परियोजनों को प्रोत्साहन देने के लिए 2हजार करोड़ रुपए की मांग की गई है।
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण खाद्य योजना में कमी को पूरा करने के लिए 839 करोड़ रुपए, राज्य में स्वीकृत सहायता प्राप्त प्राथमिक, माध्यमिक और जिला परिषद स्कूलों के पात्र कर्मचारियों को पेंशन योजना के तहत योगदान देने के लिए 733करोड़ रुपए, शबरी आदिवासी घरकुल के लिए 683 करोड़ रुपए, अनुसूचित जनजाति के हितग्राहियों के लिए योजना लागू एवं प्रधानमंत्री मंदिर फसल बीमा योजना खरीफ एवं रबी सीजन की लंबित बीमा किश्त के तहत 683 करोड़ रुपए के साथ-साथ रबी सीजन 2022 के लिए सब्सिडी की पहली किस्त के भुगतान के लिए 630 करोड़ रुपए उपलब्ध कराए गए हैं। बीमा कंपनियों को 23 और खरीफ सीजन में धान खरीदी के तहत प्रोत्साहन सहायता के लिए अतिरिक्त 596 करोड़ रुपए उपलब्ध कराए गए हैं।
विभाग के अनुसार पूरक मांग
1.नगरविकास: 8 हजार 945 करोड़
2.उद्योग, ऊर्जा और कामगार: 7 हजार 663 करोड़
3.सार्वजनिक लोक निर्माण:.7 हजार 332 करोड़
4.ग्रामविकास: 5 हजार 579 करोड़
5.शालेय शिक्षा और खेल: 3 हजार 909 करोड़
6.राजस्व और वन: 3 हजार 808 करोड़
7.वित्त विभाग: 2 हजार 466 करोड़
8.आदिवासी विकास: 1 हजार 849 करोड़
9.अन्य पिछड़ा वर्ग बहुजन कल्याण: 1 हजार 587 करोड़अन्न और नागरिक आपूर्ति: 1 हजार 437 करोड़
10.जलसंपदा: 1 हजार 203 करोड़
11.कृषि: 1 हजार 200 करोड़