अब मुख्यमंत्री और मंत्री भी लोकायुक्त के दायरे में
संजीव शुक्ल
नागपुर: मशहूर समाजसेवी अन्ना हजारे समिति की रिपोर्ट को महाराष्ट्र की सरकार ने स्वीकार कर लिया है। 18 दिसम्बर 2022 को मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की अध्यक्षता में हुई महाराष्ट्र सरकार के मंत्रिमंडल की बैठक में महत्वपूर्ण निर्णय लिया है कि 19 दिसम्बर को शुरू होनेवाले नागपुर के शीतकालीन सत्र में विधेयक पेश करेंगें जिसके तहत लोकायुक्त के दायरे में मुख्यमंत्री और मंत्रिमंडल के सदस्य भी आयेंगे। हजारे की यह मांग बहुत पुरानी थी जिसमें उन्होंने केंद्र के लोकपाल की तरह ही महाराष्ट्र में सशक्त लोकायुक्त की पुरज़ोर मांग की थी। इसके दायरे में मुख्यमंत्री और मंत्रिमंडल के सदस्य भी लाने की मांग की थी। लेकिन उनके समिति की मांग को कई वर्षों बाद महाराष्ट्र सरकार द्वारा अब स्वीकार किया गया। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने रविवार 18 दिसम्बर को नागपुर में एक पत्रकार परिषद में उक्त घोषणा की । दरअसल 19 दिसम्बर से महाराष्ट्र विधानमंडल का शीतकालीन सत्र नागपुर में शुरू होने की पूर्व संध्या पर यह घोषणा की गयी है। फडणवीस ने बताया कि समिति का मुख्य उच्च न्यायालय का मुख्य न्यायाधीश या सर्वोच्च न्यायलय का न्यायाधीश होगा। इसमें दो अन्य न्यायाधीश सहित कुल पांच सदस्य होंगे। यह विधेयक मंज़ूर हो जाने के बाद कानून बन जाने पर लोकायुक्त को यह अधिकार होगा कि बिना सरकार से पूछे वह कार्रवाई कर सकता है। उपमुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा कि राज्य में पूर्ण पारदर्शिता लाने में सफल हुआ है हम छह महीने में भ्रष्टाचार विरोधी लोकायुक्त लाने का काम किया है ।.मुख्यमंत्री शिंदे ने कहा कि हमें सरकार पूरी पारदर्शिता से चलानी है। हमें भ्रष्टाचार मुक्त महाराष्ट्र करना है ।ज्ञातव्य है कि विपक्ष के नेता अजित पवार ने रविवार को पत्रकार वार्ता में कहा था कि यह खोके कि और मंज़ूर किये गए कार्यों को स्थगन देनेवाली सरकार है।