Home अर्थमंच स्वरोजगार से ही भारत की अर्थव्यवस्था समृद्ध होगी : कश्मीरी लाल

स्वरोजगार से ही भारत की अर्थव्यवस्था समृद्ध होगी : कश्मीरी लाल

by zadmin

स्वरोजगार से ही भारत की अर्थव्यवस्था समृद्ध होगी : कश्मीरी लाल

मुंबई :स्वदेशी अभियान के अंतर्गत नौजवानों में स्वरोजगार,उद्यमिता के प्रति प्रेरित करने के लिए महाराष्ट्र के वाशिम जिले के शिरपुर जैन स्थान पर दो दिवसीय प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया .  
इस क्षेत्रीय प्रशिक्षण वर्ग में उपस्थित कार्यकर्ताओं को मार्गदर्शन करते हुए स्वदेशी जागरण मंच के राष्ट्रीय संगठक  कश्मीरी लाल  ने कहा कि अब वह समय आया है जब देश के नौजवान “नौकरी मांगनेवाले नहीं  अपितु नौकरी देने वाले बनें “.  कार्यकर्ताओं को मार्गदर्शन करते हुए उन्होंने स्वदेशी के अवलंबन , स्वरोजगार , उद्यमिता , सहकारिता व विकेंद्रीकरण पर विचार कर “रोजगार सृजन केंद्र” की स्थापना पर बल दिया । पश्चिम क्षेत्र के कोकण, पश्चिम महाराष्ट्र , देवगिरी , विदर्भ , गुजरात व सौराष्ट्र से आए 225  से अधिक नौजवानों का मार्गदर्शन करते हुए स्वदेशी जागरण मंच के राष्ट्रीय सहसंयोजक  अजय पतकी  ने  सुदूर क्षेत्र से आए कार्यकर्ता भाइयों बहनों से अपने अनुभव बताने के लिए प्रेरित किया व शीघ्रताशीघ्र स्वरोजगार के सभी आयामों पर बल देने के लिए कहा । उद्यमिता का प्रशिक्षण देनेवाले पुणे के देआसरा, डिजिटल प्लेटफार्म से देश के कोने कोने में सरकारी योजनाओं के लाभ के लिए जाल फैलानेवाले वक्रांगी ग्रुप व केंद्र सरकार के विज्ञान विभाग से चेटबोट हेतु मान्यताप्राप्त सापियो एनालिटिक्स , सेवावर्धिनी के सीईओ आदि ने स्वरोजगार के विषय में अत्यंत महत्व की जानकारी उपलब्ध कराई । कृषि क्षेत्रके लिए केंद्र सरकार की अत्यंत आकर्षक , उपयोगी जानकारी देने के लिए पीड़ीकेवी के प्रो.नितिन गुप्ता, “आत्मा” की जानकारी  धनंजयजी गोळम ने , इर्जीक के प्रारंभ काल से जुडे डॉ.श्री करडक तथा एस सी एस टी के लिये विविध योजनाओं की प्रस्तुति श्री बिरवटकर  ने की । महिलाओं के लिए बचतगट के माध्यम से केंद्र सरकार की योजनाओं के कार्यान्वयन का वर्णन रुचि माने  ने किया । पद्मश्री गिरीश प्रभूणे ने उनके वनवासी जनजातियों में चले आ रहे स्वरोजगार के अनुभव को विस्तारपूर्वक प्रस्तुत किया ।आचार्य विद्यासागर जी के पावन मार्गदर्शन से चल रहे हातकरघा उद्योग व अन्य प्रेरक प्रयोगों को ऐलक सिद्धांत सागर जी ने विस्तारपूर्वक समझाया । निर्यापक मुनि श्री योगसागर जी ने अपने संक्षिप्त भाषण में स्वरोजगार के आधार पर भारत के उज्ज्वल भविष्य को उजागर किया ।
अखंड वन्देमातरम से वर्ग का समापन हुआ ।

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