Home विविधाकला सलाम बॉम्बे फाउंडेशन ने बाल दिवस पर झुग्गियों के बच्चों की लगाई फोटोग्राफी प्रदर्शनी

सलाम बॉम्बे फाउंडेशन ने बाल दिवस पर झुग्गियों के बच्चों की लगाई फोटोग्राफी प्रदर्शनी

by zadmin

सलाम बॉम्बे फाउंडेशन ने बाल दिवस पर झुग्गियों के बच्चों की लगाई फोटोग्राफी प्रदर्शनी 
मुंबई : सलाम बॉम्बे फाउंडेशन मीडिया एकेडमी के छात्रों द्वारा मुंबई के कोरम मॉल में झुग्गी झोपड़ियों में रहने वाले बच्चों द्वारा की गयी फोटोग्राफी पर आधारित एक प्रदर्शनी का आयोजन किया. यह  एक दिवसीय  प्रदर्शनी कोरम में लगायी गयी थी. 
इस प्रदर्शनी की थीम “मुंबई के अलग-अलग रूप” (मल्‍टीवर्स ऑफ मुंबई) था,। इस प्रदर्शनी में विरोधाभासों और सुनहरे अवसरों के लघु संसार को प्रयोगात्मक नजरिये से पेश किया गया , जो मुंबई शहर के ज्यादा से ज्यादा हिस्से को परिभाषित करते हैं। इस सालाना फोटोग्राफी की प्रदर्शनी का आयोजन मीडिया एकेडमी ने किया , जो इन बच्चों की बेमिसाल प्रतिभा और हुनर का सम्मान करती है। इस प्रदर्शनी के आयोजन में शारी  एकेडमी के गिरीश और हृदगंधा मिस्त्री ने पूर्ण संरक्षण और मार्गदर्शन दिया।  इस प्रदर्शनी के लिए खींची गई तस्वीरों में बच्चों ने आर्थिक, सामाजिक और भावनात्मक स्थितियों की झलक पेश की, जिनसे उन्हें रोज रूबरू होना पड़ता है।
फाउंडेशन के आयोजकों ने  बताया कि सलाम बॉम्बे फाउंडेशन मुंबई की झुग्गी बस्तियों में रहने वाले बच्चों और किशोरों के साथ काम करती  हैं। अक्सर उन गरीब बच्चों में छिपी प्रतिभा को देखकर हैरत में पड़ जाते हैं, जो हमारे शहर की तंग और संकरी गलियों में रहते हैं। ट्रेनिंग के दौरान हमने पाया कि इन बच्चों में सीमाओं के बंधन तोड़ने के लिए गजब का जुनून है और वह अपनी हुनर से समाज में खास मुकाम बनाना चाहते हैं और समृद्ध होना चाहते हैं। सलाम बॉम्बे फाउंडेशन में मीडिया एकेडेमी के जरिए हम उन बच्चों की ट्रेनिंग का प्रबंध करते हैं, जो फोटोग्राफी को अपना करियर बनाना चाहते हैं। 
सलाम बॉम्बे में प्रोजेक्ट्स (आर्ट्स एंड मीडिया) के वाइस प्रेसिडेंट राजश्री कदम ने प्रदर्शनी के बारे में बताते हुए कहा, “हम, द कोरम, मुंबई के साथ साझेदारी में बच्चों को अविश्वसनीय प्लेटफार्म प्रदान कर वाकई बेहद खुश हैं। हम शारी एकेडमी के भी बहुत आभारी हैं, जिन्होंने हमारे छात्रों को उनके कैमरे से बेहद खूबसूरती से थीम के सार तत्व को पेश करने में मदद दी। यह हमारे बच्चों की पहली व्यावसायिक प्रदर्शनी थी । फोटोः मनीष गुप्ता 

You may also like

Leave a Comment