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खरी-खरी:अशोक वशिष्ठ

by zadmin
vashishth

खरी-खरी
अरी लड़कियों तुम सदा, रहो चाक चौबंद।

यौवन में अच्छे लगें, प्रेम प्यार के छंद।।

प्रेम प्यार के छंद, वक़्त की चाल समझिए।

अंधे होकर कभी, प्रेम की राह न चलिए।।

ईश्वर ने तुमको दिया, जीवन का वरदान।

प्रेम नहीं घातक बने, इतना रखिए ध्यान।।
अशोक वशिष्ठ 

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