खरी-खरी
भारत हारा और फाइनल, हारा पाकिस्तान।
ट्वेंटी, ट्वेंटी टाइटल, ले गया इंग्लिशतान।।
ले गया इंग्लिशतान, ऐंठ में रह गये सारे।
गेंद और बल्ले ने, कर दिये वारे-न्यारे।।
हार-जीत तो खेलों में, होती रहती है।
शर्मनाक हो हार, जख़्म गहरा देती है।।
अशोक वशिष्ठ