खरी-खरी
दिल होता नाज़ुक बड़ा, इसका रखिए ध्यान।
सुबह बाग़ में टहलिए, करिए प्राणायाम।।
करिए प्राणायाम, कीजिए भोजन सादा।
दुर्व्यसनों से दूर , कीजिए खुद से वादा।।
जीवन में हो सादगी, अरु हों उच्च विचार।
रहिए मुक्त तनाव से, सुखद बने संसार।।
अशोक वशिष्ठ