डॉ.अनंत श्रीमाली पंचतत्व में विलीन
मुंबई: सुप्रसिद्ध व्यंग्यकार, लेखक, प्रभावी मंच संचालक, कवि, स्तंभकार डॉ.अनंत श्रीमाली अपने पैतृक नगर खंडवा में अनंत में विलीन हो गए / हृदयाघात के कारण उनका निधन हुआ /
डॉ. श्रीमाली मुंबई महानगर के सबसे सक्रिय एवम् लोकप्रिय साहित्यकार रहे। कार्यक्रम की सफलता का एक पहलू उनका उत्कृष्ट संचालन भी हुआ करता था/ हमेशा अपनी हास्य व्यंग भरी चुटीली टिप्पणियों से सबके चेहरे पर मुस्कराहट बिखेरने की कला में सिद्धहस्त डॉ. अनंत श्रीमाली सहसा सबके नेत्रों को सजल कर गए /
आशीर्वाद, श्रुति संवाद साहित्य कला अकादमी, बतरस, राष्ट्रभाषा महासंघ समेत कई संस्थाओं से उनका जुड़ाव रहा। उनकी उम्र 62 वर्ष थी। वे गृह मंत्रालय के राजभाषा विभाग के सहायक निदेशक के पद पर सेवानिवृत्त हुए थे। उनके निधन की खबर सुनते ही मुंबई महानगर सहित देश में शोक की लहर दौड़ गई। अंतिम दर्शन करने वालों में डॉ.रजनीकान्त मिश्र, सुनील सांवरा, संजय बंसल, डॉ.मुकेश गौतम,सिद्धार्थ शांडील्य ,रास बिहारी पांडेय, डॉ सत्यदेव त्रिपाठी, नीता वाजपेयी, विश्वनाथ झा आदि रहे।
आशीर्वाद के निदेशक डॉ उमाकांत बाजपेयी,श्रुति संवाद साहित्य कला अकादमी के अध्यक्ष अरविंद राही, वरिष्ठ पत्रकार प्रेम शुक्ल, आय.आय. टी. माइंड्स के निदेशक देवेंद्र शुक्ल, एच. जे. दोशी घाटकोपर हिंदूसभा हॉस्पिटल के मेडिकल डायरेक्टर डॉ. वैभव देवगिरकर,सुभाष काबरा, वागीश सारस्वत,महेश दुबे, सुरेश मिश्र, गौरव शर्मा,दिनेश बावरा,रोहित शर्मा समेत देश के तमाम कवियों, पत्रकार राजेश विक्रांत, आफताब आलम, अभय मिश्र, आचार्य पवन त्रिपाठी, संपादक अभिजीत राणे, सामना हिंदी के निवासी संपादक अनिल तिवारी, विकलांग की पुकार के कार्यकारी संपादक सरताज मेहंदी समेत देश भर के तमाम संस्थानों के राजभाषा अधिकारियों, पत्रकारों , साहित्यकारों, टीवी,फिल्मी दुनिया से जुड़े कलाकारों, विद्वतजनों ने डॉ. श्रीमाली को भावभीनी विनम्र श्रद्धांजलि दी है/