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खरी-खरी: सुरेश मिश्र

by zadmin

खरी-खरी

पांच बार की विजेता,हारी अठवीं बार
शायद ये हनुमान जी, का ही है प्रतिकार
का ही है प्रतिकार,जला ना देवें लंका
पीट रहे फिर असुर जहां पर अपना डंका
कह सुरेश मन में सत्ता का मोह होता है
वहां ‘चलीसा’ पढ़ना राष्ट्र द्रोह होता है

सुरेश मिश्र

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