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खरी-खरी:☆अशोक वशिष्ठ

by zadmin

खरी-खरी
चार राज्यों में चढ़ा, फिर से भगवा  रंग।

बड़े-बड़े तीस मार खाँ, सुनकर रह गये दंग।।

सुनकर रह गये दंग , चल गये फिर से योगी।

पाँच साल के लिए , विपक्षी बन गये रोगी।।

उधर ‘आप’ ने कर दिया, सबका बंटाढार। 

कांग्रेस को मिल सकीं, कहीं एक-दो-चार।।
अशोक वशिष्ठ 

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