खरी-खरी
चार राज्यों में चढ़ा, फिर से भगवा रंग।
बड़े-बड़े तीस मार खाँ, सुनकर रह गये दंग।।
सुनकर रह गये दंग , चल गये फिर से योगी।
पाँच साल के लिए , विपक्षी बन गये रोगी।।
उधर ‘आप’ ने कर दिया, सबका बंटाढार।
कांग्रेस को मिल सकीं, कहीं एक-दो-चार।।
☆अशोक वशिष्ठ