बाबा बम-बम बोलते,बम वाले हैं मौन
बमकि रहे जो कल तलक,पहचानो हैं कौन
पहचानों हैं कौन,चोट दिल पर है गहरी
बमबारी के बीच,सुनो जी बम-बम लहरी
कह सुरेश बमबई,दिल्ली,काशी या काबा
जिसको देखो वही बोलता जय हो बाबा
सुरेश मिश्र
बाबा बम-बम बोलते,बम वाले हैं मौन
बमकि रहे जो कल तलक,पहचानो हैं कौन
पहचानों हैं कौन,चोट दिल पर है गहरी
बमबारी के बीच,सुनो जी बम-बम लहरी
कह सुरेश बमबई,दिल्ली,काशी या काबा
जिसको देखो वही बोलता जय हो बाबा
सुरेश मिश्र