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खरी-खरी:अशोक वशिष्ठ

by zadmin
vashishth

खरी-खरी
जाने क्यों युक्रेन से, पुतिन हो गये क्रुद्ध।

शुरू कर दिया रूस ने, इकतरफा-सा युद्ध।।

इकतरफा-सा युद्ध, विश्व हैरान रह गया।

जाने कितने मासूमों का, ख़ून बह गया।।

बात-चीत से बात बने, ना चलें बहाने।

मानेंगे क्या पुतिन, बात यह रब ही जाने।।
अशोक वशिष्ठ 

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