गुरु गोलवलकर जी के विचार आज भी मार्गदर्शक व् अनुकरणीय हैं – भय्याजी जोशी
पथिक संवाददाता
अलीबाग(महाराष्ट्र ), 22 फरवरी – राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के द्वितीय सरसंघचालक श्री गोलवलकर गुरुजी ने कभी भी राष्ट्रीय एकता में बाधा डालने वाली चीजों से समझौता नहीं किया।भाषा आधारित प्रान्त रचना,गोवा मुक्ति और पंजाब का प्रश्न और चीन की समस्या पर उनके विचार आज भी मार्गदर्शक हैं. यह विचार राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यकारिणी सदस्य भय्याजी जोशी ने व्यक्त किये
वह अलीबाग के पीएनपी नाट्यगृह में रा स्व संघ जनकल्याण समिति की ओर से आयोजित श्री गुरुजी पुरस्कार वितरण समारोह के अवसर पर बोल रहे थे.उन्होंने कहा कि गुरुजी एक महान साधक, महान द्रष्टा, सामाजिक क्षेत्र में कार्य करने के प्रेरक थे.उनमें , मार्गदर्शक व्यक्तित्व, एक आदर्श है. । भय्याजी ने कहा कि अगर हम श्री गुरुजी जैसे महापुरुषों के गुणों को अपने जीवन में उतार सकें तो जीवन धन्य हो जाए. इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में प्रह्लाद वामनराव पई उपस्थित थे। साथ ही जनकल्याण समिति के अध्यक्ष डॉ. रवींद्र साताळकर, ऑल बाथौ महासभा के महासचिव गणेश दैमरी, इंदुमती काटदरे ,स्वागत समिति अध्यक्ष रघुजीराजे आंग्रे, विभाग संघचालक यशवंत पाटील, जिला अध्यक्ष अरुण राव दाते आदि उपस्थित थे.
कार्यक्रम की शुरुआत में डॉ. रवींद्र सातालकर ने अपने परिचयात्मक भाषण में जनकल्याण समिति के सोलह सौ से अधिक सेवा कार्यों के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने स्वर्ण जयंती वर्ष में होने वाले कार्यक्रमों की भी जानकारी दी। बाद में, असम में ऑल बथाऊ महासभा के गणेश दैमारी को धर्म और संस्कृति विभाग में श्री गुरुजी पुरस्कार से सम्मानित किया गया और कर्णावती की इंदुमती काटदरे को अनुसंधान विभाग में श्री गुरुजी पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
गणेश दैमारी ने अपने भाषण में महाराष्ट्र की जनकल्याण समिति द्वारा उत्तर-पूर्वी राज्यों में बाथू एसोसिएशन के सम्मान पर प्रसन्नता व्यक्त की। उन्होंने कहा, “हम सभी भारत माता के पुत्र हैं और इस देश से घुसपैठियों को बाहर निकालने का समय आ गया है।” पुनरुत्थान विश्वविद्यालय, कर्णावती की कुलाधिपति इंदुमती काटदरे ने कहा कि भारतीय ज्ञान को विश्व में प्रसिद्ध करना पुनरुत्थान विश्वविद्यालय का मिशन है। निस्वार्थ सेवा, अनुशासन और देशभक्ति मुख्य अतिथि प्रह्लाद दादा पाई ने अपने भाषण में कहा कि निस्वार्थ सेवा, अनुशासन और देशभक्ति यही संघ की विशेषता है और यही बात सद्गुरु वामनराव पई ने कही थी।
अतिथियों का परिचय रवि किरण काले ने किया। संचालन संतोष वाजे ने किया। श्रावणी बापट व रोहित वैशंपायन ने संगीत प्रस्तुत किया. । रघुजीराजे आंग्रे ने धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यक्रम का समापन शीतल कुंटे के पसायदान से हुआ।