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खरी-खरी:अशोक वशिष्ठ

by zadmin
vashishth

खरी-खरी
‘आप’ विरोधी बन गये, अब कुमार विश्वास।

आरोपों में घिर गये, ‘आप’ के खासम खास।

 ‘आप’ के खासम खास, स्वयं को ‘स्वीट’ बताते।

अपनी तारीफों में , कहते नहीं अघाते।।

सभी गिनाने में लगे, एक-दूजे के पाप।

कवि कुमार विश्वास ने, उधर घेर ली ‘आप’।।
अशोक वशिष्ठ 

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