प्रभाग रचना में शिवसेना ने खाई राष्ट्रवादी कांग्रेस से मात
ठाणे। ठाणे महानगरपालिका के प्रभाग रचना को लेकर नया राजनीतिक विवाद शिवसेना और राष्ट्रवादी कांग्रेस के बीच शुरू हो गया है। वैसे तो प्रभाग रचना की घोषणा प्रशासनिक स्तर पर हो चुकी है, लेकिन इसे शिवसेना पचा नहीं पा रही है । इस परिप्रेक्ष्य में शिवसेना का आरोप है कि प्रभाग रचना के दौरान राष्ट्रवादी कांग्रेस में सीधा हस्तक्षेप किया। वही राष्ट्रवादी कांग्रेस का आरोप है कि आखिर चुनाव आयोग के कार्यालय पर प्रभाग रचना घोषित होने के 1 दिन पहले शिवसेना का शिष्टमंडल नगर विकास मंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में क्यों गया था । ऐसे गंभीर सवाल उठाते हुए राकांपा के ठाणे शहर जिला अध्यक्ष आनंद परांजपे ने शिवसेना पर आरोपों की बौछार लगा दी है। इस तरह प्रभाग रचना को लेकर ठाणे में शिवसेना और राष्ट्रवादी कांग्रेस के बीच सीधी भिड़ंत की प्रबल संभावना राजनीतिक गलियारों में व्यक्त की जा रही है।
नई प्रभाग रचना की जो घोषणा की गई है उससे शिवसेना नेतृत्व खुश नहीं है। शिवसैनिकों का आरोप है कि प्रभाग रचना में राष्ट्रवादी कांग्रेस के नेताओं और मंत्रियों ने सीधा हस्तक्षेप किया है । इस कारण इस प्रभाग रचना को स्वीकार नहीं करेंगे। इसके खिलाफ न्यायालय का दरवाजा खटखटाएंगे। ठाणे के महापौर और जिला प्रमुख नरेश म्हस्के ने प्रभाग रचना को लेकर कई गंभीर सवाल पैदा किया । उनका कहना है कि प्रभाग रचना के दौरान राष्ट्रवादी कांग्रेस द्वारा किया गया हस्तक्षेप शिवसेना को स्वीकार नहीं है।
ठाणे महापौर नरेश म्हस्के के इस गंभीर आरोप के बाद राष्ट्रवादी कांग्रेस के ठाणे शहर अध्यक्ष आनंद परांजपे ने भी शिवसेना पर प्रहार किया । उन्होंने आरोप लगाया कि शिवसेना इस बात का जवाब दे कि प्रभाग रचना की घोषणा होने के 1 दिन पहले राज्य के नगर विकास मंत्री और ठाणे जिले के पालक मंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में शिवसेना का शिष्टमंडल चुनाव आयोग से मिलने क्यों गए। साथ ही वे खुलासा करें कि क्या बे प्रभाग रचना के खिलाफ शिकायत करने गए या फिर दबाव डालने के लिए गए। परांजपे ने कहा कि उन्होंने जो कुछ भी कहा इससे पीछे हटने वाले नहीं है । इस शिष्टमंडल में पालक मंत्री शिंदे के साथ ही सांसद राजन विचारे , सांसद डॉ श्रीकांत शिंदे, महापौर नरेश म्हस्के, विधायक रविंद्र फाटक वह चिन्हित नगरसेवक आदि शामिल थे। उनके आरोप की पुष्टि चुनाव आयोग कार्यालय के सीसीटीवी फुटेज से भी हो सकती है।
आगे परांजपे ने शिवसेना महापौर नरेश म्हस्के को चुनौती देते हुए कहा कि यदि प्रभाग रचना में राष्ट्रवादी कांग्रेस का किसी भी तरह का हस्तक्षेप हुआ है तो उसके खिलाफ पुलिस में भी शिकायत दर्ज करा सकते हैं यदि राकांपा के कारण ही प्रभाग रचना की जानकारी लोगों के पास घोषित तिथि से पहले पहुंच गई है तो इस बारे में भी उन्हें पुलिस शिकायत करनी चाहिए। परांजपे का कहना है कि गत जनगणना को आधार बनाए बिना प्रभाग रचना का प्रारूप शिवसेना के प्रभाव में तैयार कर लिया गया था । यह प्रारूप चुनाव आयोग को भी ठाणे मनपा प्रशासन ने प्रस्तुत किया था। जब इसकी जानकारी राकांपा को मिली तो उन्होंने चुनाव आयोग से की। तब चुनाव आयोग ने गत जनगणना को आधार बनाकर घोषित किया । परांजपे का कहना है कि प्रभाग रचना करते समय समिति की एक भी बैठक नहीं हुई । स्वयं ठाणे मनपा के अधिकारियों को भी जानकारी नहीं मिली कि प्रभाग रचना के लिए गठित समिति की बैठक कब हुई और कब समाप्त हो गई । ऐसी स्थिति में सवाल पैदा होना स्वाभाविक था । जब इस बात की जानकारी राज्य के गृह निर्माण मंत्री जितेंद्र आव्हाड को मिली तो उन्होंने राष्ट्रवादी कांग्रेस के ठाणे शहर अध्यक्ष आनंद परांजपे को चुनाव आयोग से शिकायत करने को कहा। चुनाव आयोग के हस्तक्षेप के बाद नई प्रभाग रचना घोषित हुई है। जिसका शिवसेना विरोध कर रही है। वैसे इन विवादों के पहले ही आव्हाड को इस बात की जानकारी मिल चुकी थी कि उनकी राजनीतिक हत्या की साजिश शिवसेना द्वारा की जा रही है। इसी कारण ठाणे मनपा प्रशासन द्वारा पहली बार जो प्रभाग रचना से संबंधित प्रारूप चुनाव आयोग को प्रस्तुत किया गया था, उसमें मुंब्रा कलवा के भागों को शहर में समाहित कर लिया गया था । ऐसी स्थिति में शिकायत करना अनिवार्य था। शिवसेना राष्ट्रवादी कांग्रेस के इस पहल का विरोध कर रही है। यह सरासर अतार्किक बात है। दूसरी ओर ठाणे के महापौर नरेश म्हस्के ने कहा है कि वे नई प्रभाग रचना के खिलाफ न्यायालय का दरवाजा खटखटाएंगे। कुल मिलाकर ठाणे शहर में दोनों ही पार्टियां आमने सामने आ गई है । इस स्थिति में कयास लगाए जा रहे हैं कि ठाणे मनपा के आगामी चुनाव में यहां महा विकास आघाडी गठित होने की कोई संभावना नहीं है ।
प्रभाग रचना में शिवसेना ने खाई राष्ट्रवादी कांग्रेस से मात
previous post