Home विविधा खरी-खरी–सुरेश मिश्र

खरी-खरी–सुरेश मिश्र

by zadmin
vashishth

दिल्ली पुनः दहाड़ती,सुलगे मालेगांव
गरम तवे पर सेंकते,ससुरे अपना दांव
ससुरे अपना दांव,देश चाहे जल जाए
संविधान-सरियत,में ऊपर कौन बताए
कह सुरेश मत लो रे लोकतंत्र की खिल्ली
बेशर्मों को इतनी छूट न दे रे दिल्ली

सुरेश मिश्र

You may also like

Leave a Comment