●खरी-खरी
कुंद्रा को अब बताओ , बचा सकेगा कौन।
बेशर्मी तो देखिए , बना रहा था पोर्न।।
बना रहा था पोर्न , शर्म बिल्कुल नहीं आयी।
बार बार धिक्कार , किया जो काली कमाई।।
गया दबोचा तब , आकर टूटी है तंद्रा।
बॉलीवुड में और , भी होंगे ऐसे कुंद्रा।।
☆ अशोक वशिष्ठ