नवी मुंबई,19जुलाई: निरंकारी सद्गुरु माता सुदीक्षाजी महाराज की सिखलाई को मूर्तरूप देने के लिए संत निरंकारी मिशन ने ज्ञान विकास संस्था, सेक्टर-23 , कोपरखैरणे,में रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया.इसमें भारी वर्षा के बावजूद 112 निरंकारी भक्तों ने उत्साहपूर्ण रक्तदान किया |करीब 142 रक्तदाताओं ने अपने नाम रक्तदान के लिए दर्ज किए गए थे. लेकिन रक्तदान के नियमों की पूर्ति न होने के कारण उसमें से 30 रक्तदाता रक्तदान से वंचित रह गए |संत निरंकारी रक्तपेढी द्वारा यह रक्त संकलित किया गया |
इस रक्तदान शिविर का उद्घाटन दिल्ली से पधारे हुए संत निरंकारी मंडल के महाराष्ट्र एवं दक्षिणी राज्यों के प्रभारी मोहन छाब्राजी एवं ज्ञान विकास संस्था के अध्यक्ष एडवोकेट पी.सी.पाटील के करकमलों से किया गया |
इस अवसर पर पूज्य मोहन छाब्रा जी ने मार्गदर्शन करते हुए कहा कि संत निरंकारी मिशन पिछले 92 वर्षों से मानवता का संदेश देता आया है और सत्य ज्ञान के आधार पर मानव-मानव के बीच में व्याप्त वैर, ईर्ष्या, नफ़रत की दीवारों को दूर करने का प्रयास कर रहा है.आज मिशन की सेवा का विस्तार पूरे संसार में फैल गया है जिससे नये नये कीर्तिमान स्थापित होते जा रहे हैं | यह गौरव की बात है कि आज पूरे विश्व में संत निरंकारी मिशन सर्वांधिक रक्तदान करने वाली संस्था बनीं हुई है |
इसके पूर्व ज्ञान विकास संस्था के अध्यक्ष माननीय एडवोकेट पी.सी.पाटील ने कहा कि पिछले कई वर्षों से संत निरंकारी मिशन के भक्तों की निष्काम सेवा भावना देखने को मिल रही है,जो बेहद सराहनीय है.केवल रक्तदान ही नहीं बल्कि स्वच्छता अभियान हो या वृक्षारोपण हो हर सामाजिक कार्य में ये निरंकारी भक्त समर्पित एवं निष्काम भावना से बड़ी लगन से सेवा करते रहते हैं.
इस रक्तदान शिविर को भेंट करने वाले गणमान्य व्यक्तियों में श्रीमती जयश्रीताई पाटील, अध्यक्षा, प्रकल्पग्रस्त महिला आघाडी, नवी मुंबई, ज्ञान विकास संस्था के उपाध्यक्ष गजानन पाटील, पूर्व नगर सेवक केशव म्हात्रे, पूर्व नगरसेविका श्रीमती छाया केशव म्हात्रे एवं रिलायन्स समूह के उपाध्यक्ष पियूष गोयल आदि महानुभावों का समावेश था.मंडल के चेंबूर क्षेत्र के सेक्टर संयोजक बाबूभाई पांचाल, सेवादल क्षेत्रीय संचालक अशोक केरेकर तथा विवेक सिंह के अलावा मंडल के नवी मुंबई की कई शाखाओं के मुखी इस शिविर में उपस्थित थें. रक्दान शिविर में आयोजन में मनोहर सावंत ,स्थानीय मुखी सहित निरंकारी फाउंडेशन के स्वयंसेवकों ने भारी सहयोग दिया.