कोरोना वायरस संक्रमण महामारी के चलते प्रभावित शादियां 12 दिनों बाद फिर बंद हो जाएंगी, क्योंकि आगामी 20 जुलाई से चातुर्मास शुरू होते ही एक बार फिर से बैंड, बाजा, बरात पर ब्रेक लगने जा रहा है। इस दौरान सभी तरह के मांगलिक कार्य चार महीने के लिए बंद हो जाएंगे।
दरअसल, हिंदू मान्यता के अनुसार, चातुर्मास को देवताओं का शयन काल माना जाता है। इस दौरान भगवान श्री हरि योग निद्रा में विश्रम करते हैं। उनकी अनुपस्थिति में शुभ कार्य नहीं होते। चातुर्मास 14 नवंबर को देवोत्थानी एकादशी पर समाप्त होगा। अब 15 जुलाई के बाद नवंबर में ही शादियां होंगी।
सनातन धर्म मंदिर के पुजारी वीरेंद्र नंदा ने बताया कि इस साल की शुरुआत में ही गुरु, शुक्र, अस्त होने की वजह से शादियों के लिए कम मुहूर्त थे। मार्च में कुछ शादियां हुई फिर अप्रैल से दोबारा कफ्यरू लग गया। जून में बंदिशों से राहत मिली। तो अब अब कुछ दिनों बाद चतुर्मास शुरू होने वाला है। इसके शुरू होते ही शादी के अलावा जनेऊ, मुंडन, गृहप्रवेश, नए कार्य की शुरुआत समेत सभी शुभ कार्य चार महीने के लिए प्रतिबंधित हो जाते हैं, जो देवोत्थान एकादशी पर शुरू होते हैं। 11 जुलाई को रवि पुष्य योग पड़ रहा है। कुछ लोग इस दौरान भी विवाह व अन्य शुभ कार्य करते हैं, लेकिन शास्त्रों के अनुसार इस काल में शुभ कार्य वर्जित माने गए हैं। 15 जुलाई को भी विवाह मुहूर्त हैं। इसके बाद नवंबर में विवाह मुहूर्त मिलेंगे।
इस वर्ष शादियों के 15 मुहूर्त ही बचे हैं। इसमें जुलाई में दो, नवंबर में सात और दिसंबर में छह मुहूर्त हैं। वहीं, वर्ष 2022 में फिर से शुक्र और गुरु ग्रह अस्त हो जाएंगे। नए साल के शुरुआती में यानी जनवरी व फरवरी में विवाह के दस ही मुहूर्त मिलेंगे।