Home मुंबई-अन्यअन्य राज्य राजनीतिक उपेक्षा के कारण झारखण्ड कांग्रेस में खिच-खिच

राजनीतिक उपेक्षा के कारण झारखण्ड कांग्रेस में खिच-खिच

by zadmin

रांची. पंजाब कांग्रेस में चल रही अंदरूनी उठापटक के बाद झारखंड कांग्रेस में भी खिंच-खिंच रुकने का नाम नहीं ले रहा है. हर दिन बंद कमरे में संगठन और सरकार के खिलाफ कांग्रेस के नेता जमकर भड़ास निकाल रहे है. गुरुवार को भी रांची के मोरहाबादी स्थित संगम गार्डन में पूर्व युवा कांग्रेस के नेताओं का समागम हुआ. इस समागम के बाद प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष मानस सिन्हा ने प्रदेश अध्यक्ष का नाम लिए बगैर कहा कि यहां पुलिसिंग नहीं चलेगी. आप कार्यकर्ताओं या नेताओं को लाइन हाजिर नहीं कर सकते हैं.

झारखंड कांग्रेस में हर दिन किसी ना किसी गुट की बगावत सामने आ ही जाती है. गुरुवार को भी कुछ ऐसा ही हुआ. वैसे तो पूर्व युवा कांग्रेस के नेता कारवां समागम के नाम पर जुटे थे, पर बंद कमरे में कांग्रेस के नाराज नेताओं ने संगठन और सरकार पर जमकर हमला बोला. कोई संगठन की कार्यशैली से नाराज दिखा, तो कोई खुद की सरकार में अनदेखी से नाराज  था. हालांकि बाहर कांग्रेस के नेताओं ने इस नाराजगी को पार्टी प्लेटफार्म पर रखने की बात करते हुए ऑल इज वेल का फार्मूला अपनाया.कांग्रेस में जारी नाराजगी को दूर करने के लिये संगठन द्वारा जारी चिट्ठी पर भी घमासान शुरू हो गया है. हर बार की तरह इस बार भी प्रदेश अध्यक्ष रामेश्वर उरांव ही निशाने पर हैं. रांची में आयोजित बैठक के बाद प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष मानस सिन्हा और राष्ट्रीय सचिव  विधायक दीपिका पांडेय सिंह ने प्रदेश अध्यक्ष का नाम लिए बगैर जमकर हमला बोला. 

कांग्रेस के लिये संगठन के अंदर बेहतर तालमेल का अभाव साफ-साफ दिख रहा है. पार्टी संगठन ना सिर्फ कई खेमों में बंटा है, बल्कि हर खेमा कांग्रेस के हाथ को मजबूत करने के बजाय कमजोर ही कर रहा है. राजनीतिक दल होने के नाते शायद ये बेहतर संकेत नहीं है, खासकर तब जबकि प्रदेश में कांग्रेस समर्थित सरकार हो.

You may also like

Leave a Comment