‘ सभी विधानसभा सदस्य निलंबित करेंगे तो भी संघर्ष जारी रहेगा-
‘संजीव शुक्ल
मुंबई: महाराष्ट्र विधानमंडल का मानसून सत्र 5जुलाई को मुंबई स्थित विधानभवन में शुरू हो गया। विधानमंडल के दोनों सदनों के कामकाज की शुरुवात की बात करें तो विधानसभा में सदन का कामकाज 11 बजे सुबह शुरू हुआ जबकि विधान परिषद में कामकाज दोपहर 12 बजे शुरू हुआ। विधानमंडल का यह मानसून सत्र केवल दो दिन का है। विधानमंडल में विपक्ष के नेता फडणवीस ने एमपीएससी के परीक्षार्थी स्वप्निल लोनकर की आत्महत्या का मामला उठाया। और उनकी वेदना को व्यक्त करते हुए कहा कि परीक्षा में उत्तीर्ण होने के बावजूद वह जॉब पर नियुक्ति नहीं पा सका इसलिए उसने निराश होकर आत्महत्या कर लिया। फडणवीस ने इस पर खेद जताते हुए कहा कि एमपीएससी में अनेक पद रिक्त हैं। स्वप्निल के परिजनों को आर्थिक मदद देने की मांग भी भाजपा सदस्यों ने की। उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने कहा कि कोरोना के कारण नियुक्तियों में विलम्ब हो रहा है। सरकार की तरफ से अजित पवार ने सदन में बताया कि 31 जुलाई तक एमपीएससी के सभी रिक्त पदों पर नियुक्ति की जायेगी, स्वप्निल के परिजनों को मदद देने के बारे में सकरात्मक विचार किया जायेगा। ओबीसी आरक्षण के बारे में सरकार और विपक्ष में जमकर तर्क – वितर्क हुए। इस दौरान विपक्ष के सदस्य गर्भ गृह में खड़े होकर राज्य की उद्धव ठाकरे सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते रहे। कई विपक्ष के सदस्य अध्यक्ष के आसन के सामने जाकर खड़े हो गये। वहां पर माइक को निकालने की कोशिश की और राज दंड उठाकर ले जाने का प्रयास किया। यहाँ इतना हंगामा व्याप्त था कि सदन का कामकाज पहले दस मिनट के लिए स्थगित किया गया। उसके बाद 15 मिनट के लिए स्थगित किया गया। उसके बाद भी सदन का कामकाज कई बार स्थगित करना पड़ा। इस दौरान भी विपक्ष के सदस्य गर्भ गृह में खड़े होकर उद्धव ठाकरे और उनकी सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर रहे थे। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे सदन में ही बैठे थे। तालिका अध्यक्ष भाष्कर जाधव जब विधानसभा उपाध्यक्ष के चैम्बर में गए तो वहां पर भी उनके साथ बदसलूकी की गयी ऐसा जाधव ने सदन में कहा । ,विधानसभा में विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस ने कहा विपक्ष की ताकत को कम करने के लिए यह दांव है। ओबीसी आरक्षण के मामले पर अन्न आपूर्ति मंत्री छगन भुजबल ने कहा कि केंद्र से ओबीसी का इम्पीरिकल डाटा मिलना चाहिए .उज्जवला योजना के लिए यह डाटा उपयोग किया जा रहा है तो ओबीसी आरक्षण के लिए क्यों नहीं दिया जा रहा है .इस पर फडणवीस ने स्थगन प्रस्ताव की बात की जिस पर तालिका अध्यक्ष भास्कर जाधव ने स्थगन प्रस्ताव के बजाय अन्न आपूर्ति मंत्री भुजबल को ओबीसी आरक्षण के मामले पर बोलने दिया, जिससे भाजपा के सदस्य बहुत आक्रामक हो गए। इस दौरान भाजपा के सदस्य विधानसभा अध्यक्ष के आसन के सामने जमा होकर वहां का माइक निकालने की कोशिश करते देखे गए। वहीं भाजपा का एक सदस्य राजदंड को भी हाथ में उठाकर उसे ले जाने का प्रयास किया। सदन में भारी हंगामे के कारण सदन का कामकाज कई बार स्थगित किया गया। सदन का कामकाज स्थगित होने के बाद तालिका अध्यक्ष भास्कर जाधव विधानसभा उपाध्यक्ष के केबिन में बैठे हुए थे उपाध्यक्ष श्री नरहरि झिरवाड एवं तालिका अध्यक्ष जाधव के चर्चा के दौरान विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस के साथ कई विधायक वहां आये। फडणवीस से उपाध्यक्ष के बगल में बैठने के लिये निवेदन किया गया लेकिन उन्होंने उस पर गौर नहीं किया ऐसा जाधव ने सदन में अपना पक्ष रखते हुए कहा . उसके बाद फडणवीस ने भी अपना पक्ष रखा। फडणवीस ने कहा कि शिवसेना के युवा नेता आये उनमें और भाजपा के सदस्यों में नोक-झोंक हुई उसमें एक दो लोगों के शब्द बराबर नहीं लगे इसलिए माफी मांगी। कुछ लोग जानबूझकर विपक्ष की ताकत कम करना चाहते हैं तो यह नहीं होगा। आपको बड़े मन से विपक्ष को बुलाना चाहिए। इसके बाद संसदीय कार्य मंत्री अनिल परब ने 12 भाजपा सदस्यों के खिलाफ निलंबन का प्रस्ताव रखा जिसे बहुमत से पारित कर दिया गया। इस एक साल की अवधि के दौरान ये निलंबित सदस्य मुंबई और नागपुर में विधान भवन में विधानसभा के कामकाज में हिस्सा नहीं ले सकेंगें। भाजपा के जिन 12 सदस्यों को निलंबित किया गया है उनके नाम है पराग अलवाणी , योगेश सागर , आशीष शेलार , अभिमन्यु पवार , जय कुमार रावल , संजय कुंटे , राम सात पुते ,गिरीश महाजन ,अतुल भातखलकर , शिरीष पिम्पले , नारायण कूचे , कीर्ति कुमार बगड़िया। , विपक्ष ने विरोध स्वरुप सदन से बहिर्गमन किया। फडणवीस ने पत्रकारों से कहा कि ओबीसी समाज को आरक्षण के लिए अगर भाजपा के सभी 106 विधानसभा सदस्यों को भी बर्खास्त करेगें तो भी उनका संघर्ष जारी रहेगा।