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खरी-खरी…..●अशोक वशिष्ठ

by zadmin
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खरी-खरी
भारत में सबको लगे , जल्दी से वैक्सीन।

 पहले-सा जीवन बने , बजे चैन की बीन ।।

बजे चैन की बीन , न होवे कोई दुखारी।

निधड़क होकर काम करें, महके फुलवारी।।

बीत गया जो काल , गया समझो गारत में।

बनें निरापद रात-दिवस , फिर से भारत में।।
●अशोक वशिष्ठ 

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