●खरी-खरी
चाहे कोवीशील्ड हो , या हो कोवैक्सीन।
जल्दी से लगवाइए , ताक धिना-धिन तीन।।
ताक धिना-धिन तीन , कीजिए अपनी रक्षा।
मानवता को देनी , होगी कठिन परीक्षा।।
सरकारों को भी , आसां करनी हैं राहें।
यह उनकी ज़िम्मेदारी , चाहे अनचाहे।।
●अशोक वशिष्ठ
●खरी-खरी
चाहे कोवीशील्ड हो , या हो कोवैक्सीन।
जल्दी से लगवाइए , ताक धिना-धिन तीन।।
ताक धिना-धिन तीन , कीजिए अपनी रक्षा।
मानवता को देनी , होगी कठिन परीक्षा।।
सरकारों को भी , आसां करनी हैं राहें।
यह उनकी ज़िम्मेदारी , चाहे अनचाहे।।
●अशोक वशिष्ठ